जीवन जीने का दूसरा नाम है संघर्ष करना, दोनों ही एक-दूसरे के पूरक है : श्री रावतपुरा सरकार
सिवनी, 29 नवंबर। सद्गुरू देव भगवान कहते है आप सभी भक्त सप्त दिवसीय सत्संग समारोह में सायंकालीन प्रार्थना में शामिल हुये है। आप सभी भक्तों पर संकट मोचन श्री रावतपुरा सरकार की कृपा है।
संघर्ष शब्द दिखने में छोटा है, परंतु यह जीवन का हिस्सा है या समझ लीजिये संघर्ष का नाम ही जीवन है। मनुष्य हो या पशु-पक्षी रह किसी का जीवन संघर्ष है। संघर्ष जीवन को निखारता है, संवारता व तराशता है, जिसकी प्रशंसा करके जुवान थकती नहीं। संघर्ष जीवन में उतार, चढ़ाव का अनुभव कराता है, अच्छे, बुरे का ज्ञान कराता है, सक्रिय रहना सिखाता है, समय की कीमत का ज्ञान कराता है, हर सफल व्यक्ति की जिंदगी में एक संघर्ष की कहानी जरूर होगी, तो संघर्ष डरे ना, यदि आप संघर्ष कर रहे है तो समझ लीजिये आपकी सफलता दूर नहीं है। जीवन जीने का दूसरा नाम है संघर्ष करना, दोनों ही एक-दूसरे के पूरक है। उक्ताशय के विचार श्री रावतपुरा सरकार ने राधा कृष्ण प्राण प्रतिष्ठा के अस्था मंच द्वारा व्यक्ति किये।
आगे कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में संघर्ष करना ही पड़ता है, चाहे वह व्यक्ति अमीर हो या गरीब, छोटा हो या बड़ा हो। संसार रूपी सागर की ऊंची उफनती हलरे को जिसने चुनौती देना सीख लिया, सफलता का अनुपम मणी भी उसी व्यक्ति के पास आती है, जो व्यक्ति संघर्ष से बचकर चलता है वह व्यक्ति कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पता। जन्म लेते ही व्यक्ति का संघर्ष शुरू हो जाता है। शिशु को भोजन और सुरक्षा का संघर्ष सहना ही पड़ता है, वास्तव में संघर्षों को झलने और पार करने पर ही व्यक्ति में व्यक्तित्व का निर्माण होता है। जीवन में आने वाले हर संघर्ष और चुनौती का सामना करना ही व्यक्ति का कर्तव्य है।
सद्गुरू देव भगवान कहते है व्यक्ति को याद रखना चाहिये, अच्छे दिनों के लिये बुरे दिनों के संघर्ष से गुजरना ही पड़ता है, कभी संघर्ष को ऐसे पकड़ के देखियें, हर्ष के पीछे प्रसन्नता जुड़ी है, वो कभी दुख का कारण बन ही नहीं सकता, जहां शामि है, वहां परमात्मा है, जिस प्रकार हम वायु को देख नहीं सकते, उसकी अनुभूति हमें होती रहती है, उसी प्रकार जब हमारे ह्दय में शांति आसीन होती है, तो अभास होने लगता है, परमपिता परमात्मा हमारे ह्दय में आसीन है, यदि हमारे पैर में कांटा चुभ जाये, फिर हम सोंचे की सारे दुनिाया के कांटों को जलाकर राख कर दूं तो क्या हमारे पैर का कांटा निकल जायेगा, कभी नहीं निकलेगा। हमें स्वयं को कष्ट देकर ही कांटा निकालने पर ही हमें शांति मिलेगी। इसी प्रकार जीवन में संघर्ष से डरें नहीं, हमें अपने मन में अंतस में परिवर्तन करना होगा, तभी हम जीवन का संग्राम जीत पायेंगे, संघर्ष करते रहिये।
सूर्य मंदिर आने का दिया निमंत्रण
विगत दिवस भंडारपुर पधारे रावतपुरा सरकार से शनिधाम ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर दर्शन लाभ लिया, इस दौरान रावतपुरा सरकार से ट्रस्ट के संतोष अग्रवाल, कमल अग्रवाल, प्रहलाद पटेल, मुनिया टांक व चंदू बघेल ने टैगोर वार्ड में स्थित सूर्य मंदिर पधारकर भक्तों को दर्शन लाभ देने का अनुरोध किया।
पादुका पूजन कर लिया धर्मलाभ
आस्था मंच पर विराजमान श्री रावतपुरा सरकार का प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव राजा बघेल, आशा सनोडिया, पदम सनोडिया, ओमप्रकाश सनोडिया, महेश पटेल, परसराम पटेल, गोपाल सनोडिया, गंगू पटेल, दिनेश सनोडिया सहित अन्य भक्तजनों ने पादुका पूजन कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
हिन्दुस्थान संवाद
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