कृषक सलाहः उर्वरक के उपयोग में कृषक भाई डी.ए.पी. के विकल्प में दूसरी रासायनिक खादों का उपयोग कर सकते है- उपसंचालक कृषि

सिवनी,18जून। जिला मुख्यालय के नागपुर रोड स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के दर्पण सभागार में शुक्रवार को कृषि विभाग की योजनाओ और खरीफ फसल प्रबंधन पर बैठक का आयोजन किया गया जिसमें किसान कल्याण तथा कृषि विकास सिवनी के उपसंचालक मोरिस नाथ ने किसानों को यह सलाह दी कि उर्वरक के उपयोग में कृषक भाई डी.ए.पी. के विकल्प में दूसरी रासायनिक खादों का उपयोग कर सकते है। जो कि आर्थिक रूप से ज्यादा लाभदायक होगा।
उपसंचालक कृषि मोरिस नाथ ने वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे किसानों को यह सलाह दे कि उर्वरक के उपयोग में कृषक भाई डी.ए.पी. के विकल्प में दूसरी रासायनिक खादों का उपयोग कर सकते है। जो कि आर्थिक रूप से ज्यादा लाभदायक होगा। एक बोरी डी.ए.पी. की जगह 20 कि.ग्रा. यूरिया (आधी बोरी यूरिया) एवं 144 कि.ग्रा. सुपर फास्फेट (3 बोरी सिंगल सुपर फास्फेट) को मिलाकर खेत में उपयोग कर सकते है। यह समिश्रण आर्थिक रूप से लाभदायक होगा एवं जितने पौध पोषक तत्व एक बोरी डी. ए. पी. में मिलते है उतने ही तत्व इस प्रकार के मिश्रण से भी प्राप्त होंगे। इसके अतिरिक्त मिश्रित उर्वरक जैसे कि एन. पी. के. 12ः32ः16, एन. पी. के. 20ः20ः00, एन. पी. के. एस. 20ः20ः00ः13 एवं एन. पी. के. 20ः20ः20 खादों का उपयोग कर पौध पोषक तत्व की आपूर्ति कर सकते है।
बैठक में मृदा वैज्ञानिक डॉ के.के. देशमुख द्वारा खरीफ फसलों में उर्वरक प्रबंधन और लीफ कलर चार्ट द्वारा धान और मक्का फसलों में उर्वरक की मांग के निर्धारण की जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान की गयी। डॉ एन.के. सिंह द्वारा धान, मक्का और सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी गयी। कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि मोरिस नाथ द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी के साथ ही खरीफ की विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गयी।
बैठक में मोरिस नाथ उपसंचालक कृषि के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों की टीम एवं प्रफुल्ल घोडेश्वर सहायक संचालक कृषि, श्रीमति अंजु मरकाम सहायक संचालक कृषि, जी.एस. बावने सहायक संचालक कृषि एवं सभी विकासखण्ड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी उपस्थिति थे।
हिन्दुस्थान संवाद