बांकेबिहारी मंदिर में हुए हादसे को लेकर एडीजी जोन पहुंचे वृंदावन, जांच की कही बात
– मंदिर प्रशासन ने पुलिस को हादसा का जिम्मेदार बताया, जांच कराने की मांग
मथुरा, 20 अगस्त (हि.स.)। बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर जबरदस्त भीड़ पहुंचने और दम घुटने से महिला सहित दो श्रद्धालुओं की मौत मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रकरण की जांच के लिए शनिवार दोपहर मुख्यमंत्री के निर्देश पर वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे एडीजी जोन राजीव कृष्ण, आईजी आगरा रेंज नचिकेता झा, आगरा मंडल के कमिश्नर अमित कुमार वृन्दावन पहुंचे। आलाधिकारियों ने यहां अस्पताल में भर्ती घायलों के हालचाल भी जाना। उसके पश्चात मंदिर पहुंच कर सेवायतों से घटना की जानकारी ली है। एडीजी ने जहां जांच की बात कही है, वहीं मंदिर प्रशासन ने पुलिस को इस हादसे का जिम्मेदार बताया है।
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर प्रांगण में मंगला आरती में क्षमता से अधिक श्रद्धालु के एकत्र होने पर हुए हादसे में जनहानि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने दोनों मृतकों के परिवारीजन के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के साथ ही सभी घायलों के समुचित इलाज का निर्देश भी दिया है। हादसे पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर एडीजी जोन राजीव कृष्ण, आईजी आगरा रेंज नचिकेता झा आगरा मंडल के कमिश्नर अमित कुमार ने शनिवार वृन्दावन पहुंचे। यहां अधिकारियों ने अस्पताल में भर्ती घायलों का हालचाल जाना और समुचित इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। वृंदावन के राम कृष्ण मिशन चैरिटेबल अस्पताल में बांके बिहारी मंदिर में हुए हादसे में घायल मरीजों में से तीन का इलाज चल रहा है। मरीजों का हालचाल जानने के बाद अधिकारी बांके बिहारी मंदिर पहुंचे।
बांके बिहारी मंदिर में एडीजी ने मंदिर के गोस्वामी और कर्मचारियों से हादसे के कारणों को जानने का प्रयास किया। करीब 15 मिनट तक मंदिर में रहने के बाद अधिकारी वहां से निकल गए। हादसे के कारणों की जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने बांके बिहारी मंदिर के कार्यालय मोहन बाग में मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों के साथ मीटिंग की। मोहन बाग में अधिकारियों ने मंदिर के प्रबंधन मनीष कुमार, उप प्रबंधक उमेश सारस्वत और मंदिर के पुजारी गोपी गोस्वामी घनश्याम गोस्वामी व रजत गोस्वामी के साथ ढाई घंटे तक मीटिंग की।
अधिकारियों ने मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों से हादसों की वजह जानने का प्रयास किया। बीआईपी कल्चर को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने बताया कि इस को लेकर भी चर्चा की गई। एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण से पूछा गया कि जिम्मेदार परिवार के साथ वीडियो बना रहे थे और नीचे भीड़ बढ़ती गई। इस सवाल के जवाब में एडीजी ने बताया कि जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा कार्यवाही की जाएगी।
बांके बिहारी मंदिर सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं, “जब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को फोटो खींचना मना तो इसके बाद भी अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उनका पूरा ध्यान अपने परिवार पर था।“ वह आगे कहते हैं कि इसके अलावा जो पुलिसकर्मी तैनात थे, वो वीआईपी लोगों को मंदिर में लाने और ले जाने में व्यस्त थे। व्यवस्था बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं था। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच की मांग की है।
बीआईपी कल्चर हादसे का मुख्य कारण
एडीजी आगरा जोन ने कहा हादसे के समय मंदिर में कई अधिकारियों के परिवार मौजूद थे। अधिकारी और परिवार मंदिर की बालकनी में खड़े होकर अधिकारियों के परिवार वाले दर्शन कर रहे थे और वीडियो बना रहे थे। परिवार को दर्शन करने में व्यस्त अधिकारी भीड़ के सैलाब को अनदेखा करते रहे और हादसा हो गया। बांके बिहारी मंदिर में बीआईपी बड़ी संख्या में आते हैं। यहां बीआईपी सभी उसी गेट नंबर 1 से मंदिर में प्रवेश करते हैं जिससे श्रद्धालुओं निकलते हैं।
क्या प्रशासन आंकलन नहीं कर सका भीड़ का
मंदिर में हुए हादसे की दूसरी वजह लोक प्रशासन द्वारा भीड़ का सही आकलन ना कर पाना है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में वर्ष में एक बार मंगला आरती के दर्शन होते हैं। यहां मंगला आरती करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंगला आरती के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या शनिवार होने के कारण मंदिर से अधिक हो गई। प्रशासन मंदिर में हुई इस भीड़ का आंकलन शायद नहीं लगा सका और हादसा हो गया।
इनपुट-हिन्दुस्थान समाचार/महेश
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