साँची अंगौछा मध्यप्रदेश की पहचान : वरिष्ठ साहित्यकार श्रीधर पराड़कर

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भोपाल, 17 फरवरी।अखिल  भारतीय साहित्य परिषद् के महामंत्री श्री श्रीधर पराड़कर ने कहा है कि  हस्तशिल्प विकास निगम   मध्यप्रदेश की कला और संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के माध्यम से वैश्विक समुदाय तक  पहुँचा रहा है। उन्होंने कहा है कि मृगनयनी साँची अंगौछा मध्यप्रदेश की पहचान बनेगा। श्री पराड़कर ने यह बात साँची स्तूप से सजे अँगोछे की लाँचिंग अवसर पर कही। श्री पराड़कर ने बुधवार को मृगनयनी के मुख्यालय हस्तशिल्प भवन में पूरी टीम की श्रेष्ठ कार्य के लिये सराहना की।

हाथकरघा आयुक्त राजीव शर्मा ने कहा कि मृगनयनी कलावन्तो और बुद्धिजीवियों का ब्राण्ड है इसीलिये हम अपने यहाँ लेखकों, कवियों, पत्रकारों, सम्पादकों, संगीतज्ञों, शिल्पकारों को विशेष आदर देते हैं। मृगनयनी अंगौछे में चन्देरी और महेश्वर के बुनकरों का कमाल हैं और सूती होने से आरामदायक हैं। कार्यक्रम के बाद श्री पराड़कर ने पत्थर शिल्प के विशिष्ट शोरूम स्पीकिंग स्टोन का भी अवलोकन किया।

हिन्दुस्थान संवाद

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