क्या आपको पता है असली और नकली रुद्राक्ष में फर्क?
उज्जैन (Ujjain)। हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का काफी ज्यादा महत्व है। कहा जाता है कि ये भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ था। इसके कई प्रकार होते हैं। ये एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक मिलता है। इन सभी में भगवान शिव के अलग-अलग स्वरूप वास करते हैं।
दो शब्दों से बना रुद्राक्ष में रूद्र का अर्थ है महादेव और अक्ष का अर्थ आंसू होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कहा जाता है कि किसी अध्यात्मिक काम में रुद्राक्ष का इस्तेमाल करने से सभी काम सफल हो जाते हैं, हालांकि, बाजार में रुद्राक्ष के नाम पर कई बार नकली रुद्राक्ष बेचते हैं। ऐसे में यहां कुछ तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप रुद्राक्ष की प्योरिटी को चेक कर सकते हैं।
पानी में टेस्ट करें
कहा जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष के मनके को चेक करने के लिए इसे पानी में डुबोएं और कुछ घंटों तक उबालें। अगर रुद्राक्ष का रंग नहीं बदलता है और कोई ध्यान देने वाला प्रभाव नहीं होता है, तो यह सही मनका हो सकता है। आप दूसरी तरह से भी चेक कर सकते हैं इसके लिए एक रुद्राक्ष की माला को को पानी के गहरे कटोरे में डालें। अगर रुद्राक्ष का मनका पूरी तरह से डूब जाता है, तो माना जाता है कि यह मनका असली है।
दूध में टेस्ट करें
इस तरह से चेक करने के लिए एक गिलास कच्चा दूध लें। फिर ध्यान से रुद्राक्ष की माला को दूध के गिलास में डालें। इसे लगभग 30 मिनट से एक घंटे तक ऐसे ही रहने दें। अगर रुद्राक्ष की माला असली और अच्छी क्वालिटी की होगी तो आप देखेंगे की दूध में कोई बदलाव नहीं होगा। अगर दूध काफी ज्यादा फट जाता है, या रंग बदलता है और रुद्राक्ष के चारों ओर गांठें बनाता है, तो किसी एक्सपर्ट के पास ले जाकर माला चेक करवाएं।
कहां होते हैं रुद्राक्ष के सबसे ज्यादा पेड़?
रुद्राक्ष की उत्पत्ति फल के रूप में होती है। जिसके पेड़ पहाड़ी इलाकों में ज्यादा मिलते हैं। भारत के अलावा रुद्राक्ष के पेड़ नेपाल, बर्मा, थाईलैंड या इंडोनेशिया में ज्यादा होते हैं।