Astrology: जन्मकुंडली का राजयोग बुधादित्य योग !
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जन्म कुंडली में बुध और सूर्य के एकसाथ होने से बुधादित्य योग बनता है जिसका ज्यादातर लोगों पर शुभ प्रभाव पड़ता है यह भी एक राजयोग है जो ज्यादातर जन्म कुंडलियों में पाया जाता है। इसका प्रभाव कुंडली के भावों के अनुसार बदलता रहता है। कुंडली के जिस भाव में बुधादित्य योग बनता है, उसे वह उस भाव को प्रबल करने का काम करता है। सूर्य एक तेज ग्रह है और उसके निकट होने की वजह से बुध अन्य ग्रहों के अपेक्षा सूर्य के साथ होने पर विशेष फल प्रदान करता है सूर्य बुध की यही युति बुधादित्य योग कहलाती है ।
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बुधादित्य योग से व्यक्ति को धन, वैभव, पद, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान प्राप्त होता है साथ ही इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अगर गरीब परिवार में जन्मा है तो वह धीरे-धीरे अमीर बन जाता है। बुधादित्य योग व्यक्ति के भाग्य को प्रभावी बना देता है जिससे जीवन भर उसे लाभ मिलता रहता है वहीं जिनकी कुंडली में बुधादित्य योग बनता है तो उसके सभी कार्यों को यह पूरा भी कर देता है।
अधिकांश यह देखा गया है कि जातक की कुंडली मे बुध आदित्य योग होने के बाद भी उसका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ है जातक निर्धन होकर छोटे मोटे कार्य कर अपना जीवन यापन कर रहा है है । इसका सबसे बड़ा कारण यह होता है कि जातक की जन्म कुंडली में सूर्य या बुध में से कोई एक ग्रह का दूषित होना दोनो में से किसी एक ग्रह के दूषित होने पर वह दूसरे ग्रह के प्रभाव को कम कर देता है जिसके कारण बुधादित्य योग अपना कार्य नही कर पाता है । कई बार जन्म कुंडली मे बुध आदित्य योग पर राहु, केतु, मंगल, शनि आदि किसी क्षुद्र ग्रह की सीधी दृष्टि या छाया पड़ती है जिसके कारण भी बुधादित्य योग सक्रिय नही हो पाता है । इस स्थिति में इसे सक्रिय करने का सबसे अच्छा उपाय यही है कि इस योग पर दृष्टि डालने वाले ग्रह का निदान किया जाये जिससे कि यह योग सक्रिय हो सके ।
आइये बुधादित्य योग को एक घटना के माध्यम से समझते है -एक सुबह एक बालक अपनी जन्म कुंडली लेकर मेरे पास आया वह बालक पिछले 3-4 वर्षों से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था और अब थक हार कर प्राइवेट नौकरी करने लगा था वह बालक मेरे पास यह जानने आया था कि उसकी अच्छी प्राइवेट नौकरी कब लगेगी उसकी जन्म कुंडली का विश्लेषण करने पर मैंने पाया कि इस बालक की जन्म कुंडली मे न केवल बुधादित्य योग है बल्कि उसके साथ मंगल की युति भी है बुधादित्य योग के साथ मंगल की युति जातक को न केवल सरकारी नौकरी दिलाती है बल्कि उसकी यह सरकारी नौकरी सेना,पुलिस या अन्य किसी वर्दीधारी विभाग में होती है लेकिन उस बालक का बुधादित्य योग केतु से पीड़ित था जो उसकी सरकारी नौकरी में बाधा बन रहा था । जब मैंने बालक को यह बताया तो वह इसके लिये तैयार नही हुआ क्यो कि वह पिछले 3-4 सालों से कई चयन परीक्षा दे चुका था और उसे आज तक किसी भी परीक्षा में सफलता नही मिली थी मेरे बहुत समझाने पर वह बालक बड़ी मुश्किल से एक और अवसर लेने के लिये तैयार हुआ । केतु के लिये मैंने उसे अपनी थाली की रोटी में से आधी रोटी कुत्ते को देने का उपाय बताया इसके साथ ही मैंने देखा कि उस बालक की जन्म कुंडली मे सूर्य की डिग्री कम है और बुध ग्रह भी अस्त है ऐसी स्थिति में चांदी की अंगूठी में पन्ना और माणिक पहन कर सूर्य और बुध को मजबूत किया जा सकता था लेकिन उस बालक की आर्थिक स्थिति ऐसी नही थी कि वह इन महंगे रत्नो को पहन सके इसके लिये मैंने उसे हरे कांच की बोतल( यह ठीक पन्ने के कलर की होना चाहिए) में जल भरकर उसे दिन भर सूर्य की रोशनी में रखने और उस जल को पीने का उपाय बताया । हरे कांच की बोतल का सूर्यतापी जल न केवल बुध को मजबूत करता है इसके साथ साथ यह सूर्य को भी तेज करता है जो बुध आदित्य योग को सक्रिय करने के लिये पन्ना या माणिक्य जैसे महंगे रत्नो को पहनने के समान है यह उन सभी लोगो के लिये रामबाण की तरह कार्य करता है जो इन महंगे रत्नों को नही पहन सकते ।
इस घटना को गुजरे कई साल बीत चुके थे कि अचानक 2016 में मुझे बाबा महाकाल की नगरी में जाने का सौभाग्य मिला उस समय वहाँ 12 साल में एक बार आने वाला सिंहस्थ का मेला लगा हुआ था वहां एक पंडाल में मैं अपने गुरु भाइयों के साथ बैठा हुआ था कि अचानक एक वर्दीधारी अधिकारी 3-4 सिपाही के साथ आया आते ही उसने मेरे पैरों में अपना सिर झुका दिया यह देख कर मैं हैरान था क्यो कि मैं उस अधिकारी को पहचानता भी नही था तभी उस अधिकारी ने मुझे बताया कि वह वही बालक है जो कई वर्ष पूर्व मेरे पास आया था और जन्म कुंडली मे बुधादित्य योग होने पर मेरे कहने पर उसने अंतिम बार सरकारी नौकरी की चयन परीक्षा देने का निर्णय लिया था मैने देखा उसकी वर्दी में तीन स्टार लगे थे यह देख कर वह बालक बोला गुरुजी यह वर्दी और यह स्टार सब आपकी कृपा और आशीर्वाद है जब काफी प्रयास करने के बाद भी मुझे सफलता नही मिली थी तो मैं प्राइवेट नौकरी करने लगा था मैंने यही सोचा था कि अब इसी क्षेत्र में मुझे आगे बढ़ना है लेकिन आपसे मिलने के बाद जैसे मेरी किस्मत ही बदल गयी और पहले ही प्रयास में मुझे मेरी मंजिल मिल गयी यह सब आपकी कृपा और आशीर्वाद ही है कि आज मैं इस पोजीशन में आपके सामने खड़ा हूँ लेकिन मैं जानता था कि उस बालक की कामयाबी के पीछे मेरा नही उस परम पिता परमेश्वर की कृपा और आशीर्वाद है जो उसकी कुंडली मे बुधादित्य योग के रूप में मौजूद है मैं तो महज एक माध्यम था जिसने उस बालक को उस राजयोग का महत्व बताया था बाकी सारा कार्य तो उस बालक की मेहनत, ईश्वर की कृपा और उसके आशीर्वाद ने किया था जो बुधादित्य योग के रूप में उसकी जन्म कुंडली मे मौजूद था ऊ शुभ मंगल बुधादित्य योग:
श्री अवनीश सोनी
ज्योतिष एवम वास्तु शास्त्री
जिला सिवनी (म.प्र.) मो. 7869955008
member at International Astrology Federation IAF
Astrologer/Dirictor at Yogmaya ASTRO Research Centre