Astrology:कुंडली में वैधव्य योग यानी विधवा योग कैसे बनता है ध्यान से देखें और समझे
कुंडली में वैधव्य योग यानी विधवा योग कैसे बनता है ध्यान से देखें और समझे इस योग को देखकर डरना नहीं है इसके लिए उपाय करने हैं और जिन बातों का ध्यान रखना है उनका वर्णन नीचे दीया जाएगा
कुंडली में जब सप्तम भाव का स्वामी द्वितीय भाव में बैठ जाए और उस भाव का स्वामी सप्तम भाव के स्वामी का शत्रु हो और वह भाव किसी पापी ग्रह से दृष्ट हो जाए और कुंडली में गुरु कमजोर हो जाए तो यह वैधव्य योग बन जाता है.
क्योंकि द्वितीय भाव मारक भाव है और सप्तम भाव भी मारक भाव माना जाता है जब मारक भाव का स्वामी मारक भाव में बैठ जाए तब यह स्थिति बन जाती है .
यदि इस तरह की कुंडली बन रही हो तो कुंडली मिलान विवाह पूर्व अवश्य करें. और जीवन साथी का आयु का विचार जरूर करें और सप्तम भाव और सप्तम भाव के स्वामी को जरूर ध्यान में रखें और गण भकूट दोष जरूर देखें और साथ में यह भी देखें कि जीवन साथी जो बनने वाला है उसकी कुंडली में लग्नेश किसी एक से अधिक पापी के साथ ना हो.
इन छोटी-छोटी बातों का यदि आप ध्यान रखेंगे तो इस योग को समाप्त किया जा सकता है
श्री अवनीश सोनी
ज्योतिष एवम वास्तु शास्त्री
जिला सिवनी (म.प्र.) मो. 7869955008
member at International Astrology Federation IAF
Astrologer/Dirictor at Yogmaya ASTRO Research Centre