Astrology: पितृदोष की शांति के 11 सरल उपाय करने से पितृ दोष में शान्ति मिलती है !!

पितृदोष की शांति के 11 सरल उपाय करने से पितृ दोष मेंशान्ति मिलती है !!

ज्योतिष में पितृदोष का बहुत महत्व माना जाता है।प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गयाहै। इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंतकष्टमय हो जाता है।जिस जातक की कुंडली में यह दोष होताहै उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करनापड़ता है। पितृदोष से पीड़ित जातक कीउन्नति में बाधा रहती है। आमतौर पर पितृदोष के लिएखर्चीले उपाय बताए जाते हैं लेकिन यदिकिसी जातक की कुंडली में पितृदोष बन रहा है और वह महंगे उपाय करने में असमर्थ है तोभी परेशान होने की कोई बातनहीं। पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए ऐसे कईआसान, सस्ते व सरल उपाय भी हैं जिनसे इसकाप्रभाव कम हो सकता है।1. कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घरकी दक्षिण दिशा की दीवार परअपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हारचढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसेआशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्तिमिलती है।2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथिपर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए।भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंदकी वस्तु अवश्य बनाएं।3. इसी दिन अगर हो सके तो अपनीसामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दानकरने से भी यह दोष मिटता है।4. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत,दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों कास्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।5. शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र,महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्रका पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांतिहोती है।6. सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आकके 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र केसाथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करनेसे पितृदोष का प्रभाव कम होता है।7. प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करने सेभी पितृ दोष का शमन होता है।8. कुंडली में पितृदोष होने से किसीगरीब कन्या का विवाह या उसकीबीमारी में सहायता करने परभी लाभ मिलता है।9. ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, गर्मीमें पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं याराहगीरों को शीतल जल पिलाने सेभी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।10. पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णुभगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीताका पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलतीहै और दोष में कमी आती है।11. पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों कीमदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर,विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भीअत्यंत लाभ मिलता है।पित्र दोष निवारण मन्त्र जाप संख्या 108मन्त्र

1 — ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः ।

मन्त्र २– ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः ।।……….

श्री अवनीश सोनी
ज्योतिष एवम वास्तु शास्त्री
जिला सिवनी (म.प्र.) मो. 7869955008
member at International Astrology Federation IAF
Astrologer/Dirictor at Yogmaya ASTRO Research Centre

follow hindusthan samvad on :