मध्य प्रदेश में उत्कृष्ट विद्यालय के विद्यार्थियों तक पहुंचेगी हाईटेक साउंड सिस्टम से सूचना, डिजिटल वेल से प्रांरभ होगा शैक्षणिक कार्य
सिवनी, 14 फरवरी। प्रदेश में 400 से अधिक उत्कृष्ट विद्यालय है। इन सभी के बीच कोरोना काल को देखते हुए जो नवाचार सिवनी जिले के भैरोगंज स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में हुआ है, वह आनेवाले दिनों में सभी के लिए अपनाने वाला प्रयोग जरूर बन सकता है। यहां के प्राचार्य डॉ. आर.पी.बोरकर ने सोशल डिस्टेसिंग, शैक्षणिक कार्य, समय की बचत करने के उद्देश्य से हाईटेक साउंड सिस्टम के माध्यम से शैक्षणिक कार्यों, सूचनाओं को विद्यार्थियों तक पहुंचाने की अभिनव पहल की है। इसी के साथ यह प्रदेश में पहला नवाचार बना है, जहां विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेसिंग के साथ एक साथ सभी सूचनाएं प्राप्त होती रहेंगी ।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सिवनी के प्राचार्य डाॅ.आर.पी.बोरकर ने हिन्दुस्थान संवाद को बताया कि विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक के 1320 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। विद्यालय में पहले हर पीरियड(कालखंड) में भृत्य जाकर घंटा बजाता था जो अब नहींं बजेगा। वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस ने छात्र-छात्राओं के शिक्षण कार्य को प्रभावित किया है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्कृष्ट विद्यालय सिवनी में नवाचार से जोड़कर इलेक्ट्रिक सिस्टम से हाईटेक तकनीक अपनाई गई हैं। इसके लिए टाइम टेबिल कम साउंड सिस्टम के नाम से एक मशीन लगाई गई है। इसका संचालन प्राचार्य कक्ष से किया जाएगा।
डाॅ.आर.पी.बोरकर ने बताया कि दिल्ली (नोयडा) की मिल्टन माईस्टोन कंपनी द्वारा निर्मित इस हाईटेक साउंड सिस्टम से प्राचार्य कक्ष में बैठकर माइक से विद्यालय की 24 कक्षाओं,आईटीरूम, लायब्रेरी, लेब, विद्यालय प्रागण, शिक्षक कक्षों में एक साथ सूचनाएं पहुंचाना आसान हो गया है। कक्षाओं में शिक्षक, विद्यार्थियों को कोई सूचना या शिक्षाप्रद जानकारी देना है तो वह इस हाईटेक साउंड सिस्टम के माध्यम से प्रेषित की जायेगी। बारिश के दिनों में प्रार्थना खुले में कराना संभव नहींं हो पाता। ऐसी स्थिति में शाला की कक्षाओं में इस डिजिटल साउंड सिस्टम के माध्यम से सभी छात्र-छात्राओं को सूचनाएं दी जा सकेगी। वहीं छोटी-छोटी सूचनाओं के लिए भृत्य को कक्षाओं में जाना नहींं पड़ेगा।
प्राचार्य ने बताया कि विद्यालय के प्रांरभ होते हुए सुबह 10.20 बजे इस साउंड सिस्टम से प्रेरणा गीत का गायन होगा और 10.30 बजे से प्रार्थना के लिए सूचना, लंच टाइम तथा 45 मिनिट के 06 कालखंडों में डिजिटल डोर वेल बजेगी। पूर्व में कक्षाओं के कालखंड के लिए पहले घंटा बजाने के लिए भृत्य को समय का ध्यान रखना पड़ता था। जो अब इस आटोमैटिक सिस्टम के माध्यम से निर्धारित समय पर स्वयं ही डिजिटल बेल के माध्यम से घंटी बजेगी।
हिन्दुस्थान संवाद
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