बिल को नियत्रंण करने की चाबी अब आपके पास

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भोपाल, 20 फरवरी। गर्मी के मौसम में बिल ज्यादा आने के कारण आप डिजिटल मीटरों या बिजली कंपनी को कोसते हैं। गर्मी के कारण ज्यादा उपकरणों के उपयोग से बिजली का बिल ज्यादा आता है। यदि आप थोड़ी सी सावधानी बरतें तो बिल ज्यादा आने की आपकी चिंता बढ़ेगी नहीं। आप चाहें तो अपने बढ़ते बिल को नियंत्रण में रख सकते हैं। बस आपको अपनी आदतों में बदलाव करना होगा। एक ऑकलन के अनुसार अधिकांश शहरवासी रिमोट चलित विद्युत उपकरणों को ‘‘स्टैंडबाय’’ मोड पर छोड़़ देते हैं, जिससे उपकरण तो बंद हो जाते हैं परन्तु इनमें सतत् विद्युत प्रवाहित होती रहती है।

अरेरा कॉलोनी के एक रिटायर्ड अधिकारी श्री संतोष सिंह के घर का बिल हर महीने मात्र 100 से 1200 रूपये के बीच आता हैं चूँकि वे रिमोट से चलने वाले उपकरणों को स्टैंडबाय मोड़ में नहीं छोड़ते। यदि आप रिमोट से चलने वाले उपकरणों को स्विच ऑफ नहीं करते है और रिमोट से बंद करके उपकरणों को छोड़ देते हैं तो बिजली की खपत बढ़ जाती है, जिससे बिल बढ़ जाता है।

एक सर्वे के अनुसार 70 फीसदी लोग टी.वी. रिमोट से ही ऑन-ऑफ करते हैं बजाय मेन स्विच के जिससे टी.वी.ऑफ होने के बावजूद भी पावर सप्लाई चालू रही है। इससे 21 इंच के टी.वी. में 15 वाट का करंट निरन्तर प्रवाहित होता रहता है एवं आपके मीटर को आगे बढ़ाता रहता है, जिसके कारण 70 फीसदी लोगों को हर महीने लगभग 100 रूपये और हर साल 1200 रूपये का अतिरिक्त भार सहना पड़ता है।

इलेक्ट्रीशियन की सलाह के अनुसार एक व्यवसायी श्री रवि शर्मा ने एलईडी बल्ब अपने घर में लगाने के लिए खरीदे और एलईडी ट्यूबलाईट एवं ऊर्जा दक्ष पंखे लगाकर घर में बिजली की 30 प्रतिशत तक बिजली बचत की गई।

बिजली विशेषज्ञों के अनुसार अब तो एल.ई.डी. जैसे उपकरण बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, उनके उपयोग से और अधिक बिजली की बचत और ज्यादा रोशनी प्राप्त हो सकती है।

हर महीने लगभग 75 रूपये की चपत : म्यूजिक सिस्टम, टी.वी., ए.सी., कम्प्यूटर आदि स्टैंडबाय मोड पर 5 से 15 वॉट तक बिजली की खपत करते हैं। अगर महीने भर भी टी.वी. बंद रहे तब भी 15 वॉट के हिसाब से एक दिन में 0.36 यूनिट व 30 दिन में 10.8 यूनिट बिजली खर्च होती है।

एलईडीसीएफएल एवं साधारण बल्ब की तुलना :

विवरणएलईडीसीएफएलसाधारण बल्ब
वाट (खपत)7 वाट14 वाट60 वाट
ऊर्जा क्षमता88 प्रतिशत50 प्रतिशत0
बिजली बिल में वार्षिक बचत (प्रति बल्ब रू.)140-40085निरंक
आयु घंटों में2500080001200
निःशुल्क वारंटी3 वर्ष1 वर्षनिरंक

कम्प्यूटर :कम्यूटर के मॉनिटर एवं कॉपीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें, यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। यदि कम्प्यूटर को चालू रखना आवश्यक हो तो मॉनिटर अवश्य बंद रखें, जो कि कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करता है। यदि एक कम्प्यूटर 24 घंटे चालू रखा जाए तो यह एक ऊर्जा दक्ष फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अतः उपयोग न होने पर कम्प्यूटर बंद रखें।

एलईडी बल्ब : वर्तमान में एलईडी बल्ब ऊर्जा बचत हेतु अतिउत्तम विकल्प है, इनके उपयोग से हम बिजली की बचत कर सकते हैं। एलईडी बल्ब बार-बार चालू-बंद करने से उनकी उम्र पर असर नहीं पड़ता है, जबकि साधारण बल्ब जल्दी ही फ्यूज हो जाता है। एक 40 वाट के साधारण बल्ब के प्रकाश के बराबर के प्रकाश के लिए 4 से 5 वाट क्षमता के एलईडी बल्ब की आवश्यकता होती है। एलईडी बल्ब परंपरागत बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं एवं इनकी टिकाऊ होने की अवधि सामान्य बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। यह कम ऊर्जा ग्रहण करते हैं और ज्यादा गर्म भी नहीं होते हैं।

सीलिंग फैन : वर्तमान में नियमित पंखों के स्थान पर बीईई फाईव स्टार रेटेड पंखे एवं उच्च दक्षता के पंखे उपलब्ध हैं, जो कि ऊर्जा की बचत करने में सहायक होते हैं। तुलनात्मक अध्ययन एवं मूल्यांकन नीचे दी गई तालिक से स्पष्ट होता है :

विवरणसाधारण पंखेबीईई स्टार रेटेड पंखेउच्च दक्षता के पंखे
कीमत1500 रूपए1,940 रूपए2,600 रूपए
वाट क्षमता75 वाट50 वाट35 वाट
हवा का वितरण230 क्यूबिक मीटर/मिनिट210-220 क्यूबिक मीटर/मिनिट230 क्यूबिक मीटर/मिनिट
प्रति वर्ष खपत यूनिट180 यूनिट120 यूनिट84 यूनिट
प्रति वर्ष बिजली की लागत900 रूपए600 रूपए420 रूपए
10 वर्षों के लिए बिजली की लागत10,800 रूपए7,200 रूपए5,000 रूपए

फ्रिज : फ्रिज को दीवार, सीधे सूर्य का प्रकाश अथवा अन्य ऊष्मा देने वाले उपकरणों के पास न रखें। फ्रिज के पीछे कंडेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं बिजली ज्यादा लगती है। अतः क्वाइल्स को नियमित साफ करें। फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है, जिससे कूलिंग करने हेतु फ्रिज को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं इससे अधिक ऊर्जा का अपव्यय होता है। इसके अंदर के स्थान का पूर्ण उपयोग आवश्यक है किंतु भीतर खुली हवा के सरकुलेशन के लिए जगह छोड़ना जरूरी है। इससे ऊर्जा की बचत होती है। फ्रिज के दरवाजे की गास्केट में लीकेज नहीं होना चाहिए, जिसके कारण फ्रिज हमेशा अधिक ऊर्जा खर्च करता है एवं बिजली का बिल अधिक आता है।

एयर कंडीशनर्स (एसी) : 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम समुचित आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है। पुराने एवं रिपेयर किए हुए एसी की दक्षता कम होती है। इसकी तुलना में नए ऊर्जा दक्ष एसी खरीदना बेहतर एवं किफायती है। एक अच्छा एसी लगभग 30 मिनट में एक कमरे को ठण्डक प्रदान कर देता है अतः टाइमर का प्रयोग कर एसी कुछ समय के लिए बंद कर दिया जा सकता है। इसके एयर फिल्टर्स में धूल जमा होने पर हवा का बहाव कम हो जाता है जबकि साफ फिल्टर्स से शीतलता शीघ्र प्राप्त होती है एवं बहुमूल्य ऊर्जा की बचत होती है। घर के आसपास हरियाली पेड़-पौधों की छाँव रहने पर एसी द्वारा विद्युत की खपत में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। थर्मोस्टेट की सेटिंग शीतकाल में 2 डिग्री कम एवं ग्रीष्मकाल में 2 डिग्री अधिक करने पर लगभग 900 किलो कार्बन डायआक्साईड का उत्सर्जन कम किया जा सकताहै।

हिन्दुस्थान संवाद

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