पुस्तकें भारत की संस्कृति, संस्कारों और आदर्शो की वाहक : मंत्री श्री परमार
भोपाल, 22 फरवरी।स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि हमारी पुस्तकें भारत की संस्कृति, संस्कारों और आदर्शो की वाहक है। बच्चों को चरित्रवान और विवेकवान बनाने के लिए आदर्श बाल साहित्य की पुस्तकें पढ़ाई जानी चाहिए। श्री परमार हिंदी भवन स्थित पंडित मोतीलाल नेहरू स्मारक पुस्तकालय में बाल पुस्तकालय के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहें थे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती को पुष्प अर्पित किए। श्री परमार ने बाल पुस्तकालय का अवलोकन किया। उन्होंने छोटे स्कूली बच्चो से परिचय प्राप्त किया और उन्हें अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित भी किया।
हिंदी भवन और मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा श्री चंद्रप्रकाश और श्रीमती उषा जायसवाल के सौजन्य से 10 लाख रुपए की लागत से बाल पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। यहां बच्चो के लिए महापुरुषों के जीवन चरित्र, नैतिक शिक्षा और बाल साहित्य की विभिन्न रोचक किताबें रखी गई है। इनमे सिंहासन बत्तीसी , पंचतंत्र, हितोपदेश, वीर सावरकर, राम प्रसाद बिस्मिल, वीर शिवाजी से संबंधित बाल कहानियों और नाटक की पुस्तके है, जो बच्चों के संस्कार और चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
इस अवसर पर पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री रघुनंदन शर्मा, मंत्री संचालक हिंदी भवन न्यास श्री कैलाशचंद्र पंत, सचिव श्री सूर्यप्रकाश जोशी और पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती सीमा नेमा सहित समिति के सदस्य और आमजन उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान संवाद
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