क्या कांग्रेस-इंडिया गठबंधन बनाएगा या फिर भाजपा-एनडीए की बनेगी सरकार?
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव-2024 के परिणामों ने भाजपा-एनडीए और कांग्रेस-इंडिया गठबंधन को मुसीबत में डाल दिया है. किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. दोनों ही गठबंधन सरकार बनाने की कवायद कर रहे हैं. भाजपा सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है तो सरकार बनाने का पहला मौका तो उसे ही मिलेगा. हालांकि इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने कमाल का प्रदर्शन किया. जेडीयू जहां बिहार में 12 सीटें जीतने में कामयाब रही तो टीडीपी आंध्र प्रदेश में 16 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही. हालांकि बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. उसने 292 सीटों पर जीत दर्ज की. बीजेपी की सीटें कम होने के बाद नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड बढ़ गई है. इन दोनों दलों पर विपक्षी गठबंधन इंडिया की नजर है. बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के कई नेता नीतीश और नायडू के संपर्क में हैं.
सवाल उठता है कि अगर नीतीश और नायडू का साथ मिला तो क्या इंडिया गठबंधन सरकार बना पाएगा. चुनाव आयोग के मुताबिक, इंडिया गठबंधन को 234 सीटों पर जीत मिली है. बहुमत का आंकड़ा 272 है. ऐसे में इंडिया गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 38 सीटों की जरूरत होगी. टीडीपी और जेडीयू की सीटें मिला दें तो ये 28 होती हैं. 234 और 28 को जोड़ने पर इंडिया का आंकड़ा 262 तक पहुंचेगा. सत्ता में आने के लिए उसे 10 सीटों की और जरूरत पड़ेगी. ऐसे में जो अन्य 17 सांसद हैं वो महत्वपूर्ण हो जाते हैं. ऐसे में इंडिया गठबंधन को इन सांसदों पर भी नजर रखनी पड़ेगी.
अन्य में जो 17 सांसद हैं उसमें यूपी की नगीना सीट से जीत दर्ज करने वाले चंद्रशेखर आजाद, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और बिहार के पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव भी हैं. ये वो सांसद हैं जो जरूरत पड़ने पर इंडिया गठबंधन के साथ जा सकते हैं. अगर इन तीनों सांसदों का साथ इंडिया गठबंधन को मिला तो उसका आंकड़ा 265 तक पहुंच जाएगा. अब उसे 7 और सांसदों की जरूरत पड़ेगी.
इंडिया 4 ऐसे निर्दलीय सांसदों की ओर भी देख सकता है जिनका बैकग्राउंड कांग्रेस या उसकी सहयोगी पार्टियों से रहा. इसमें लद्दाख से जीत दर्ज करने वाले मोहम्मद हनीफा, खडूर साहिब से जीतने वाले अमृतपाल, फरीदकोट से जीत हासिल करने वाले सरबजीत सिंह खालसा हैं. अमृतपाल और सरबजीत सिंह खालसा खालिस्तान समर्थक हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो अमृतपाल और सरबजीत सिंह बीजेपी के साथ तो नहीं जाएंगे, जब समर्थन की बात आएगी तो इंडिया गठबंधन को बाहर से सपोर्ट कर सकते हैं.
उधर, दमन और दीव से जीतने वाले निर्दलीय पटेल उमेशभाई पर भी इंडिया गठबंधन नजर रख सकती है. चुनाव नतीजों के बाद जब उनसे पूछा गया कि वह किस पार्टी का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा, मुझे अभी फैसला करना है, लेकिन दमन और दीव के लोगों की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जाएगा. हम लोगों और अपने मूल लोगों से बात करेंगे.
सांगली से चुनाव जीतने वाले विशाल पाटिल भी कांग्रेस की नजर में रह सकते हैं. विशाल पाटिल यहां से निर्दलीय चुनाव लड़े थे. कांग्रेस ने उनको टिकट नहीं दिया था. नतीजों के बाद क्या पता कि उनका मूड बदल जाए और वो इंडिया गठबंधन के साथ चले जाएं.
17 सीटें जीतने वाले अन्य सांसदों में इंजीनियर राशिद भी हैं. उन्होंने इस चुनाव में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को हराया है. वह अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. टेरर फंडिंग के मामले में उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया गया था. इंजीनियर राशिद के मूड पर भी इंडिया गठबंधन की नजर होगी.
इंडिया गठबंधन 234 + नीतीश (12) + नायडू (16) + पप्पू यादव (1) + एआईएमआईएम (1) + चंद्रशेखर आजाद (1) + सरबजीत सिंह खालसा + अमृतपाल + इंजीनियर राशिद + मोहम्मद हनीफा + पटेल उमेशभाई + विशाल पाटिल को जोड़ने के बाद आंकड़ा 271 तक पहुंचेगा. इसके बाद उसे 1 और सांसद के समर्थन की जरूरत होगी.
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