इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं: मोदी
नई दिल्ली. पीएम मोदी ने बुधवार को लोकसभा में लगातार 10 साल सत्ता में रखने और तीसरी बार भी मौका देने के लिए लोगों का आभार जताया. पीएम ने कहा, 10 वर्ष की अखंड सेवा के बाद देश की जनता ने फिर आशीर्वाद दिया है, परफॉर्मेंस की राजनीति पर मुहर लगाई है और धर्म की राजनीति को नकारा है. पीएम मोदी ने कहा कि 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है. जब से नतीजे आए तब से हमारे एक साथी की ओर से (हालांकि उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं कर रही थी) बार-बार ढोल पीटा गया था कि एक तिहाई सरकार… इससे बड़ा सत्य क्या हो सकता है कि हमारे 10 साल हुए हैं, 20 और बाकी हैं. एक तिहाई हुआ है, दो तिहाई और बाकी है और इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर.
पीएम ने कहा कि लोकसभा में जब हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है, फिर संविधान दिवस क्यों लाए? प्रधानमंत्री मोदी ने किसान के मुद्दे पर भी विपक्ष को घेरा. उन्होंने कहा, कांग्रेस के कार्यकाल में 10 साल में एक बार किसानों की कर्जमाफी हुई और किसानों को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया गया था.
उन्होंने कहा, 60 हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया था. उसके लाभार्थी सिर्फ तीन करोड़ किसान थे. गरीब किसान का तो नाम-ओ-निशान नहीं था. उनको लाभ पहुंच भी नहीं पाया था. जब किसान कल्याण हमारी सरकार के हृदय के केंद्र में हो तो नीतियां कैसे बनती हैं और लाभ कैसे होता है, उसका सदन को उदाहरण देना चाहता हूं. हमारी योजना का लाभ 10 करोड़ किसानों को हुआ है. तीन लाख करोड़ हम किसानों को दे चुके हैं. वैश्विक संकटों की वजह से कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं, लेकिन हमने 12 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर इसका असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया. हमने कांग्रेस के मुकाबले कहीं अधिक पैसा किसानों तक पहुंचाया.
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपकी वेदना मैं समझ सकता हूं, 140 करोड़ देशवासियों ने जो निर्णय दिया है, जो जनादेश दिया है, उसे ये पचा नहीं पा रहे हैं. कल (मंगलवार को) उनकी सारी हरकतें फेल हो गईं, तो आज ( बुधवार को) उनका वो लड़ाई लड़ने का हौसला भी नहीं था, इसलिए वो मैदान छोड़कर भाग गए. देश देख रहा है झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती है.
उन्होंने महिला सुरक्षा का जिक्र कर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को भी घेरने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि संवेदनशील मामलों में जब राजनीति होती है, तो देशवासियों को और खासकर महिलाओं को अकल्प पीड़ा होती है. ये जो महिलाओं के साथ होते अत्याचार में विपक्ष का सेलेक्टिव रवैया है, ये सेलेक्टिव रवैया चिंताजनक है. मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं और न ही कोई राजनीतिक स्कोर करने के लिए बोल रहा हूं. कुछ समय पहले, मैंने बंगाल से आई कुछ तस्वीरों को सोशल मीडिया पर देखा. एक महिला को वहां सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, वो बहन चीख रही है. वहां खड़े हुए लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे है, वीडियो बना रहे हैं.
पीएम मोदी ने राज्यसभा में संदेशखाली और महिलाओं का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने कहा, जो घटना संदेशखाली में हुई, जिसकी तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं, लेकिन बड़े बड़े दिग्गज जिनको मैं कल से सुन रहा हूं, उनके शब्दों में पीड़ा नहीं झलक रही है। इससे बड़ा शर्मिंदगी का चित्र क्या हो सकता है? पीएम मोदी ने कहा, ‘जो लोग खुद को प्रगतिशील नारी नेता मानते हैं, वो भी मुंह पर ताले लगाकर बैठ गए हैं, क्योंकि घटना का संबंध उनके राजनीतिक जीवन से जुड़े दल से या राज्य से है.
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