‘मस्जिद तोड़कर बने मंदिर का समर्थन नहीं’, उदयनिधि स्टालिन ने एक फिर दिया विवादित बयान

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No support for temple built by demolishing mosque', another controversial  statement by Udhayanidhi Stalin » K{fixed}

नई दिल्‍ली । अयोध्या में 22 जनवरी को श्री राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने वाला है. राम लला की पवित्र मूर्ति स्थापित होने वाली है. इस भव्य समारोह को लेकर देश भर के श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। अयोध्या में बड़े स्तर पर इस समारोह की तैयारी की जा रही है. लेकिन इसी के साथ दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक दलों की ओर से प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल भी उठाये गये हैं. अब इसी संबंध में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी विवादित बयान दे दिया है।

उदयनिधि स्टालिन अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. अब उदयनिधि ने कहा है कि हम या हमारी पार्टी के नेता किसी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, हां लेकिन हम उस स्थान पर मंदिर बनाने का समर्थन नहीं करते हैं जहां एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था।

धर्म और राजनीति को न मिलाएं

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ये भी कहा कि- जैसा कि हमारे नेता ने कहा था कि धर्म और राजनीति को न मिलाएं. हम अब भी इस पर कायम हैं. हम किसी भी मंदिर के विरोधी नहीं हैं, लेकिन जहां पहले मस्जिद थी, उसे ध्वस्त करके जो मंदिर बनाया गया है, उसका समर्थन नहीं कर सकते।

सनातन पर दे चुके हैं विवादित बयान

उदयनिधि स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और युवा मामलों के मंत्री हैं. उदयनिधि स्टालिन ने पहले सनातन धर्म को लेकर भी विवादित बयान दिया था. दो सितंबर को उन्होंने एक समारोह के दौरान सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना जैसी महामारियों से जोड़ा था. उदयनिधि स्टालिन के इसी विवादास्पद बयान के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने भी तीखा हमला बोला था. यहां तक कि मामला कोर्ट में भी जा चुका है।

उदयनिधि स्टालिन ने कहा था डेंगू, मलेरिया, कोरोना से मुकाबला नहीं बल्कि इनको खत्म करना होता है. उनके इस बयान परपटना कोर्ट ने समन भी जारी किया है, और 13 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है।