आर्थिक संकट से गुजर रही पार्टी, कल फैसला लूंगा; निकाले जाने की खबरों पर बोले संजय निरुपम
मुंबई । कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई पार्टी नेता संजय निरुपम को निष्कासित करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। निरुपम पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टी शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी इकाई इसी से नाराज है। अब उन्हें निकालने का प्रस्ताव दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान को भेजा जाएगा और पार्टी की अनुशासन समिति अंतिम फैसला लेगी।
पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने पर जोर
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला राज्य कांग्रेस समिति की एक बैठक में लिया गया। समिति ने चुनाव से पहले निरुपम को पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से भी हटाने पर जोर दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा, ”हमने उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर हटा दिया है और उनके बयानों को लेकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी है।” संसद के दोनों सदनों के पूर्व सांसद रह चुके संजय निरुपम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साध रहे हैं।
इस बीच खुद निरुपम ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे कल आगे का फैसला लेंगे। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे। बल्कि अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल करे पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ्ते की अवधि दी थी, वह आज पूरी हो गई है। कल मैं खुद फैसला ले लूंगा।”
कॉंग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे।
बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे।
वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।
मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है।
कल मैं खुद फ़ैसला ले लूँगा।— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) April 3, 2024
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा 17 उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी को मुंबई में सीटों के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के दबाव में नहीं आना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) कांग्रेस के समर्थन के बिना एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। इस सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना (यूबीटी) ने 17 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी और कहा था कि वह महाराष्ट्र में कुल 22 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इनमें से चार सीटें मुंबई में हैं।
इस पूरे विवाद की जड़ मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट को लेकर है
इस पूरे विवाद की जड़ मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट है। निरुपम खुद इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट वर्तमान में शिवसेना के गजानन कीर्तिकर के पास है, जिन्होंने 2019 के चुनाव में निरुपम को हराया था। शिवसेना के अलग होने के बाद गजानन कीर्तिकर एकनाथ शिंदे के साथ हो गए।
अब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने उनके बेटे अमोल को सीट से मैदान में उतारा है। गजानन कीर्तिकर ने अब कहा है कि वह अपने बेटे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे। समझा जाता है कि भाजपा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ सीट साझा करने के समझौते के तहत वहां अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है।
उद्धव ठाकरे के दबाव में न आए कांग्रेस
इससे पहले निरुपम ने कहा था, ‘‘कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) के दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी कांग्रेस के समर्थन के बिना एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।’’ कांग्रेस की मुंबई इकाई के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘शिवसेना (यूबीटी) मुंबई में छह में से पांच सीटें लेने के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रही है। लेकिन कांग्रेस को इस तरह के दबाव में नहीं आना चाहिए। यह कांग्रेस के खिलाफ है और यह शहर में पार्टी को खत्म करने की साजिश है।’’ उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस विवादित निर्वाचन क्षेत्रों में दोस्ताना मुकाबले पर विचार कर रही है तो वह इसके लिए तैयार हैं।
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