पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह ने ली जम्मू-कश्मीर में हुए बस पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी
श्रीनगर। पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है, इस हमले में 10 लोग मारे गए और 33 घायल हो गए थे। टीआरएफ ने संदेश देकर पर्यटकों और गैर-स्थानीय लोगों पर इस तरह के और हमलों की चेतावनी दी और रियासी हमले को केवल एक नई शुरुआत कहा है।
इधर, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में श्रद्धालुओं से भरी बस पर हुए आतंकी हमले की जांच एनआईए करेगी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पुलिस की मदद करने और जमीनी हालात का आकलन करने के लिए जम्मू संभाग के जिला रियासी पहुंच गई है। एनआईए की फोरेंसिक टीम भी जमीनी स्तर से साक्ष्य जुटाने में मदद करने की कोशिश कर रही है। रियासी में पुलिस, एसओजी, सीआरपीएफ, सेना के जवानों द्वारा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। वन क्षेत्र में तलाशी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लिया और सभी घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने आतंकी हमले की निंदा की।
आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गृह मंत्रालय के अनुसार हमले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया है। घटना उस समय हुई जब बस शिव खोरी मंदिर से कटरा, माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर के लिए लौट रही थी। पास के जंगल में छिपे आतंकवादियों ने वाहन पर घात लगाकर हमला किया और गोलीबारी शुरू कर दी। बस के चालक को गोली लगी और वह संतुलन खो बैठा जिससे वाहन खाई में गिर गया था।
अधिकारियों के अनुसार कुछ पीड़ितों की पहचान कर ली गई है। ज़्यादातर पीड़ित उत्तर प्रदेश और राजस्थान के थे। आतंकी हमले में मारे गए बस के ड्राइवर और कंडक्टर की भी पहचान कर ली गई है। ड्राइवर विजय कुमार दासनू राजबाग गांव का रहने वाला था, जबकि कंडक्टर अरुण कुमार कटरा के कंडेरा गांव का रहने वाला था। दोनों ही रियासी में हैं।
बताया जा रहा है कि रियासी बस हमले में दो से तीन आतंकवादी शामिल थे। ये आतंकवादी उसी समूह का हिस्सा हैं जिसने पिछले महीने राजौरी और पुंछ में अन्य हमले किए थे। आतंकवादी घने जंगल में छिपे हुए थे और रविवार को उन्होंने बस पर घात लगाकर हमला किया। आतंकवादी जिनके साथ अभी तक कोई संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है, रियासी से भाग गए हैं।
हमले में जीवित बचे लोगों के अनुसार हमले के कारण वाहन खाई में गिर गया। इस पर भी आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी जारी रखी। एक व्यक्ति ने कहा कि आतंकवादी खाई में उतरे और कई मिनट तक गोलीबारी करते रहे, जबकि यात्री चुपचाप खड़े रहे और दिखावा किया कि वे सभी मर चुके हैं।
पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रात 8.10 बजे तक यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया। रियासी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने निकासी की निगरानी की और घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया। घटनास्थल पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ का संयुक्त अभियान मुख्यालय स्थापित किया गया और हमलावरों को पकड़ने के लिए बहुआयामी अभियान शुरू किया गया है।
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