संदेशखाली हिंसा पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने रिपोर्ट सौंपी , राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की

नई दिल्ली ।पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुई हिंसा की रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी है। 13 पन्नों की रिपोर्ट में राष्ट्रीय महिला आयोग ने पश्चिम बंगाल के हालात का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मंगलवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को स्थिति से अवगत कराया।

राष्ट्रीय महिला आयोग की रिपोर्ट में संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध और उनकी हालत के बारे में जानकारी दी गई है । आयोग का कहना है कि इस रिपोर्ट में उन महिलाओं के परेशान करने वाले बयान दर्ज हैं, जिन्होंने बताया है कि किस तरह से पुलिस अधिकारियों और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों ने डर का माहौल पैदा किया। महिलाओं ने अपने साथ हुई घटनाओं के बारे में बताया। रिपोर्ट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंशा पर भी सवाल उठाया गया है।

रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल की लचर कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, पुलिस पर राजनीतिक दबाव के चलते आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के सभी साक्ष्य दिए गए हैं। रिपोर्ट में संदेशखाली में देरी से उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया गया है। इसके साथ राज्य पुलिस के महिलाओं के प्रति असंवेदनशील रवैये पर सवाल उठाए गए हैं।

आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि ‘संदेशखाली इकलौती घटना नहीं है। पहले भी राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की ढेरों घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं लेकिन राज्य सरकार की तरफ से इन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।’ रेखा शर्मा ने बताया कि राष्ट्रपति को संदेशखाली की स्थिति से अवगत कराया गया है। राष्ट्रपति ने उनसे कहा है कि राज्य की स्थिति से वे अवगत हैं और वह करीब से हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी को राष्ट्रीय महिला आयोग ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया था। उसके बाद एनसीडब्ल्यू की एक टीम संदेशखाली के दौरे पर गई। टीम ने पीड़ित महिलाओं से बातचीत की और तथ्यों का पता लगाया। संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर महिलाओं के साथ यौन हिंसा करने और जमीन हड़पने का आरोप है।

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