मणिशंकर अय्यर की बेटी को घर खाली करने का आदेश, राम मंदिर के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप
नई दिल्ली। अयोध्या में बीते 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा मामले पर राजनीति थमने का नाम ही नहीं ले रही है। कांग्रेस ने पहले ही इस कार्यक्रम का निमंत्रण ‘सम्मानपूर्वक’ ठुकरा दिया लेकिन पार्टी के दिग्गज नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने राम मंदिर के खिलाफ सोशल मीडिया पर न सिर्फ जमकर हंगामा किया, बल्कि विरोध में तीन दिनों का उपवास भी किया। इस संबंध में जंगपुरा सोसायटी के वेलफेयर एसोसिएशन ने 27 जनवरी को उन्हें नोटिस जारी किया है।
नोटिस में माफी की मांग
नोटिस में आरडब्ल्यूए ने न केवल सुरन्या से माफी मांगने के लिए कही है कि बल्कि मणिशंकर अय्यर से अपनी बेटी के कृत्य की निंदा करने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा, आरडब्ल्यूए ने सुरन्या से आग्रह किया कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने जो किया है वह सही है तो वह कॉलोनी से बाहर चली जाएं।
कांग्रेस नेता की बेटी का काम निंदनीय
इस पत्र को बीजेपी नेता अमित खरखरी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इस पत्र पर RWA अध्यक्ष डॉ. कपिल कक्कड़ के हस्ताक्षर भी हैं। आरडब्ल्यूए ने बताया कि कॉलोनी के सभी निवासियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध सुनिश्चित करना एसोसिएशन की जिम्मेदारी है। इसमें लिखा है, “सुरन्या अय्यर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो कहा वह निश्चित रूप से एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अशोभनीय था। राम मंदिर 500 साल बाद बनाया जा रहा है और यह सुप्रीम कोर्ट के 5-0 के फैसले के बाद बनाया जा रहा है।”
लोगों क बीच न फैलाएं नफरत
इसमें कहा गया है कि सुरन्या का नफरत भरा भाषण और शांतिप्रिय समाज में रखा गया तीन दिन का उपवास दुर्भाग्यपूर्ण था। आरडब्ल्यूए ने सुरन्या से आग्रह किया कि वे एक अच्छे नागरिक के मानदंडों का पालन करें और लोगों के बीच नफरत और अविश्वास पैदा करके किसी को भी भड़काएं नहीं।
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