हाथरस हादसा: आयोजकों ने साक्ष्य छिपाए, हताहतों की संख्या छिपाने की साजिश रची
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि बाबा के सेवादारों ने हादसे के सबूतों को छिपाने के लिए साजिश रची। हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर में हैरान कर देने वाली बातों का जिक्र किया गया है। बता दें, सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में महिलाओं और बच्चों समेत 124 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए हैं।
एफआईआर में कहा गया है कि आयोजकों ने साक्ष्य छिपाए और शर्तों का उल्लंघन किया। सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा का नाम नहीं है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की वास्तविक संख्या छिपाई। एफआईआर के मुताबिक आयोजन में ढाई लाख लोग आए थे जबकि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी। इसके साथ ही आयोजकों की ओर से ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं था।
80 हजार की इकट्ठा होने की मांगी गई अनुमति के अनुसार ही पुलिस और प्रशासन की ओर से भीड़ की सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया था। लेकिन कार्यक्रम में लगभग ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से स्थिति आउटआफ कंट्रोल हो गई। जीटी रोड पर जाम लग गया, यातायात अवरुद्ध हो गया।
एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ के दबाव के बावजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हर संभव प्रयास किया और उपलब्ध संसाधनों से घायलों को अस्पतालों में भेजा और कहा कि आयोजकों और सेवादारों ने सहयोग नहीं किया। आयोजकों ने सबूत छिपाकर और श्रद्धालुओं की चप्पलें और अन्य सामान पास के खेतों में फसलों में फेंककर कार्यक्रम में आने वाले लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने की कोशिश की।
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