आम चुनाव से पहले मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझाएं सरकार, मनोज ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी

Maratha Reservation | मनोज जरांगे की शिंदे सरकार को चेतावनी- अगर 'ऐसा' नहीं  हुआ तो करेंगे अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन | Navabharat (नवभारत)

नई दिल्‍ली । मराठा आरक्षण बिल को विधानसभा में मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अगली भूमिका की घोषणा की. उन्होंने मांग कि अध्यादेश बनाएं कि कुनबी और मराठा एक ही है। मराठों को केवल ओबीसी से आरक्षण दें. राज्य के सभी मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज अपराध वापस लें. मनोज जरांगे पाटिल ने घोषणा की कि वह 24 फरवरी से आंदोलन शुरू करेंगे. यह आंदोलन प्रतिदिन होने वाला ह।

उन्होंने कहा, “किसी को भी तालुका या जिले में प्रवेश नहीं करना चाहिए. हम हर गांव में सड़क रोको आंदोलन करना चाहते हैं. अभी 12वीं के छात्रों की परीक्षाएं हैं. उनका ख्याल रखना होगा. मराठा आरक्षण मिलने तक चुनाव नहीं कराएं।

उन्होंने कहा, “प्रचार की गाड़ी गांव में आए तो उसको कब्जे में ले लें. सगे-संबंधियों को लेकर जो अधिसूचना जारी किया गया है, उसे जब-तक लागू नहीं किया जाता तब-तक चुनाव नहीं हो. राजनेता हमारे दरवाजे पर न आएं. यह गांव बंदी नही है, बस नेता हमारे दरवाजे पर न आएं. नेताओं का मराठाओं से कोई संबंध नहीं है।

24 फरवरी से फिर आंदोलन करेंगे मनोज जरांगे

उन्होंने कहा कि 24 फरवरी से एक ही समय पूरे राज्य में आंदोलन किया जाएगा. 24 फरवरी से रोज रास्ता रोको आंदोलन किया जाएगा. बुजुर्गों को भी अनशन पर बैठाया जाएगा, अगर अनशन के वक्त एक भी बुजुर्ग की मौत होती है तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी. 24 तारीख से अपने-अपने गांव में रास्ता रोको आंदोलन करें. सुबह 10 से 1 बजे, शाम को 4 से 7 बजे तक आंदोलन करें. बस मेरी विनती है आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम नहीं दें. परीक्षाएं चल रही है।

उन्होंने कहा कि अगर हमारे बच्चों के साथ दादागिरी हुई, उन्हें कुछ तकलीफ हुई तो जैसे को तैसा जवाब देंगे. 29 तारीख को जिला स्तर पर रास्ता रोको किया जाए. मराठों का ये आंदोलन आखिरी होने जा रहा है. इस आंदोलन को पूरा देश देखने वाला है. आंदोलन के दौरान शांति बनाए रखनी है. किसी की गाड़ी नहीं तोड़ी जानी चाहिए, आगजनी नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा किआंदोलन खत्म होने के बाद हम अपने खेत में जाकर काम शुरू करना चाहते हैं. हम रोज सड़क जाम करने और उसे लागू करने का बयान देना चाहते हैं. जब तक अधिकारी उपस्थित न हो, किसी अन्य को बयान न दें. अधिकारियों को बयान देने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।

मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे का बड़ा ऐलान

उन्होंने कहा कि फिलहाल 12वीं की परीक्षा चल रही है. यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थियों को परेशानी न हो. छात्र आपके प्रति जिम्मेदार हैं. यदि आवश्यक हो, तो छात्रों को अपनी कारों में परीक्षा केंद्र तक छोड़ दें. राजनीतिक नेताओं के दरवाजे पर नहीं जाएं. उसे अपने दरवाजे पर मत आने दो।

उन्होंने कहा किअब विधायकों, सांसदों को वेतन नहीं मिलना चाहिए. ये लोग आपकी वजह से बड़े हुए हैं. वे आपके जीवन को धमकाते हैं. आपके गांव में, आपके दरवाजे पर कोई न आये. उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता परेशानी देता है तो उसे उसी हिसाब से जवाब देना चाहिए. अगर तुम हमारे बेटे को परेशान करोगे तो तुम्हारे बेटे और भतीजे को तकलीफ होगी।

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