‘पूर्व सीएम जयललिता के सोने और हीरे के आभूषण तमिलनाडु सरकार को सौंपे जाएं’

Movable properties of Jayalalithaa: 601 kg Silver, 4.3 kg gold and more

बेंगलुरु । बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता से जब्त की गईं मूल्यवान वस्तुओं को पड़ोसी राज्य की सरकार को हस्तांतरित करने का आदेश दिया। अदालत के फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार इन सोने और हीरे के आभूषणों के निपटान पर आवश्यक कार्रवाई करेगी। ये आभूषण जयललिता और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मिले सबूतों का हिस्सा हैं।

साक्ष्‍य अभी संरक्षण के तहत कर्नाटक के खजाने में

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर मामले की सुनवाई कर्नाटक में की गयी और इसलिए सभी साक्ष्य फिलहाल अदालत के संरक्षण के तहत कर्नाटक के खजाने में हैं। 32 अतिरिक्त शहर दीवानी एवं सत्र अदालत की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश एच. ए. मोहन ने सोमवार को यह आदेश पारित किया।

अदालत ने पूर्व में कहा था कि जयललिता के परिजन उन संपत्तियों के हकदार नहीं हैं, जिन्हें जब्त किया गया है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने जयललिता की भतीजी जे. दीपा और भतीजे जे. दीपक द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था।

पड़ोसी राज्य को हस्तांतरित करना बेहतर

गहनों को तमिलनाडु सरकार को हस्तांतरित करने का आदेश देते हुए विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा, ”गहनों की नीलामी करने के बजाय उन्हें तमिलनाडु के गृह विभाग के माध्यम से पड़ोसी राज्य को हस्तांतरित करना बेहतर है।”

मुकदमे के खर्च भुगतान करने का आदेश

इसी आदेश में विशेष अदालत ने कर्नाटक को राज्य में चलाए गए मुकदमे के खर्च के लिए पांच करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। भुगतान चेन्नई में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जयललिता से संबंधित खाते में सावधि जमा से किया जाएगा। जयललिता, उनकी पूर्व करीबी सहयोगी वी शशिकला, वी एन सुधाकरन और शशिकला की रिश्तेदार जे इलावरसी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा बेंगलुरु की विशेष अदालत द्वारा चलाया गया था।

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