ED-CBI स्वतंत्र है, केस दर्ज होने के बाद ईडी एक्‍शन लेता है: PM मोदी का विपक्ष को जवाब

ED and CBI free, polls come in between, Govt has no role: PM Narendra Modi  | India News - The Indian Express

नई दिल्‍ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)ने साफ किया है कि केंद्रीय एजेंसियां(central agencies) स्वतंत्र (Independent)होकर काम करती हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भी तरफ से उन्हें निर्देश (Instruction)नहीं दिए जाते हैं। खास बात है कि आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत कई विपक्षी दल सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI के गलत इस्तेमाल के आरोप लगा रहे हैं।

हम उन्‍हें कुछ करने के निर्देश नही देते है

तमिलनाडु के एक टीवी को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, ‘हम न तो उनके कामों में किसी तरह की बाधा डालते हैं और न ही उन्हें कुछ करने के निर्देश देते हैं। वे स्वतंत्र होकर काम करती हैं और इसका मूल्यांकन न्यायपालिका के पैमाने पर होता है।’ उन्होंने कहा कि ईडी जिन मामलों की जांच कर रही है, उनमें से 3 फीसदी से भी कम राजनीति से जुड़े हुए हैं।

फिलहाल, ED के पास 7 हजार मामले

उन्होंने कहा, ‘फिलहाल, ED के पास 7 हजार मामले हैं। जिनमें से 3 फीसदी से भी कम में राजनेता शामिल हैं। उनके (विपक्ष) 10 साल के राज में सिर्फ 35 लाख रुपये जब्त किए गए थे। वहीं, हमने 2200 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।’

विपक्ष की तरफ से ये भी आरोप लगाए जाते हैं कि एजेंसियां सिर्फ उन लोगों पर ही ऐक्शन ले रही है, जो भाजपा से नहीं हैं। इसपर पीएम मोदी ने बताया कि ईडी की कोई भी मामला शुरू करने की प्रक्रिया एक ही है, फिर चाहे सत्ता में कोई भी हो।

पार्टी कोई भी हो, प्रक्रिया वही

उन्होंने कहा, ‘पार्टी कोई भी हो, प्रक्रिया वही है। ईडी किसी भी मामले की अपने आप शुरुआत नहीं करती है। कई विभागों को पहले केस दर्ज करना पड़ता है, इसके बाद ईडी ऐक्शन लेती है। PMLA पहले भी था, लेकिन उन्होंने (विपक्ष) इसका इस्तेमाल नहीं किया। PMLA कानून से छूट के लिए 150 से ज्यादा मामले कोर्ट में दाखिल किए गए और वे एक अधिकारी को बनाए रखने या हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए।’

उन्होंने कहा, ‘उन लोगों ने न्यायपालिका को हथियार की तरह इस्तेमाल किया, क्योंकि वे जानते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी की कार्रवाई नहीं रुकेगी। उन्हें लगता है कि वे इन संगठनों को कोर्ट के जरिए रोक लेंगे।’

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