भोले बाबा भतीजी की मौत से जुड़े मामले में 23 साल पहले जेल जा चुका
हाथरस. यूपी के हाथरस में हुए हादसे के बाद भोले बाबा उर्फ नारायण हरि को लेकर सवालों की दीवार खुड़ी हो रही है. हादसे के बाद मरने वालों और घायलों को लेकर हाय तौबा मची है. इधर, बताया जा रहा है कि बाबा अंडरग्राउंड हो गया. पुलिस उसकी तलाश में मैनपुरी स्थित उसके आश्रम तक पहुंच गई. लेकिन, बाबा अब भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं. इस हादसे को लेकर लिखी गई एफआईआर में भी उसका नाम भी नहीं है. बाबा इससे पहले भी कई बार विवादों में रह चुका है. क़रीब 23 साल पहले तो बाबा को जेल तक जाना पड़ा था.
ये वाकया 2001 का है जब भोले बाबा जेल जाना पड़ा था. बताया जाता है कि तब बाबा की भतीजी की मौत हो गई थी. जिसके बाद बाबा ने उसे जिंदा करने का दावा किया था. बाबा दिनभर उसे जिंदा करने का नाटक करता रहा. जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने बाबा के खिलाफ भ्रम और गुमराह करने के आरोप में मुक़दमा दर्ज किया था और भोले बाबा का जेल तक जाना पड़ा था. इस दौरान बाबा को आगरा की जेल में रखा गया था.
यही नहीं बाबा कोरोना काल में भी विवादों में आ गए थे जब उन्होंने एक सत्संग का आयोजन किया था. इस दौरान आयोजन में करीब 50 हजार लोग शामिल हुए थे, जिसके बाद कार्यक्रम को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. यही नहीं बाबा का आश्रम भी बेहद रहस्यमयी है. कई बीघा ज़मीन पर फैला ये आश्रम किले की तरह मज़बूत है. बाबा की अपनी निजी फोर्स है दो बाबा की सुरक्षा से लेकर तमाम कामकाज देखती है. बाबा के निजी सुरक्षागार्डों में महिलाएं भी शामिल हैं. यही नहीं बाबा को बड़ी और महंगी गाड़ियों का शौक रहा है, बाबा के काफिले में तीस से ज्यादा बड़ी और लग्जरी गाड़ियां चलती हैं. बाबा के साथ महिला सुरक्षाकर्मियों का एक जत्था चलता है, अपने सेवादारों की भर्ती पर बाबा खुद नजर रखते हैं. बाबा के निजी पुरुष सुरक्षाकर्मियों की हाइट 6 फीट से कम नहीं होनी चाहिए. खुद बाबा सूट और टाई के शौकीन हैं.
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