राजस्‍थान नए मुख्यमंत्री होंगे भजनलाल शर्मा, प्रेमचंद बैरवा और दीया कुमारी डिप्टी सीएम

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जयपुर । राजस्‍थान विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद लम्‍बे समय तक बना मुख्‍यमंत्री कौन होगा का सस्‍पेंस अब समाप्‍त हो गया है राजस्थान विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद पिछले कई दिन से सीएम की खोज भाजपा में पार्टी स्‍तर पर जारी थी। जिस पर अब भजनलाल शर्मा के नाम के साथ ही विराम लग गया है । साथ ही प्रेमचंद बैरवा और दीया कुमारी को राज्‍य में डिप्टी सीएम बनाया गया है।

दरअसल, मंगलवार को शाम चार बजे सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा का नाम वसुंधरा राजे ने प्रस्‍ताव रखा । दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों ने विधायक दल की बैठक के बाद सांगानेर विधायक भजनलाल शर्मा का नाम बतौर मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय को राजस्थान का पर्यवेक्षक बना कर भेजा था, जिन्होंने विधायक दल की बैठक के बाद राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की है। मंगलवार 12 दिसंबर की दोपहर को तीनों पर्यवेक्षक जयपुर पहुंचे थे, उन्होंने विधायकों संग बैठक की इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे से वन टू वन बात की। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ से फोन पर बात करते रहे और फीडबैक लिया। इसके बाद हुई विधायक दल की बैठक में भजनलाल शर्मा के नाम पर सहमति बनी और उन्हें अगले मुख्यमंत्री के तौर पर नेता चुन लिया गया।

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान मुख्यमंत्री के चुनाव ने सभी को चौंका दिया है। इन तीनों ही राज्यों में पार्टी ने नए चेहरों पर भरोसा जताया है और उन लोगों को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया जिनका मीडिया या किसी अन्य प्लेटफार्म में कोई नाम ही नहीं था। देखा जाए तो तीनों राज्यों में अप्रत्याशित जीत के बाद भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि बतौर मुख्यमंत्री किसे चुना जाए, ऐसे में राजस्थान का सीएम बनने की दोड़ में जिन लोगों के नाम चले उनमें प्रमुखत: वसुंधरा राजे थीं, जिनकी दौड़ जयपुर से दिल्ली लगातार रही और चूंकि वो पहले भी राजस्थान की कमान संभाल चुकीं थीं इसलिए उनका नाम आसानी से सभी की जुबान पर था।

इनके अलावा राजस्थान में यूपी के योगी बनने की दौड़ में अपने आपको सबसे आगे दिखलाने की कोशिश कर रहे बाबा बालकनाथ का नाम प्रमुखता से चला था। इसके बाद गजेंद्र शेखावत, सीपी जोशी, दीया कुमारी और राजवर्धन राठौड़ जैसे अनेक नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नजर आए थे। इन सब को पीछे छोड़ते हुए यहां भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुन लिया गया ।

उल्‍लेखनीय है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के चेहरे की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे और काम को आगे किया गया था, इसमें वह सफल भी रही और तीन राज्यों में अप्रत्याशित जीत दर्ज कर दिखला दिया कि बिना सीएम के चेहरे के भी चुनाव जीते जा सकते हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में 200 में से 199 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें से भाजपा ने शानदार जीत हासिल करते हुए 115 सीटों पर कब्जा जमाया है। राजस्थान सरकार में रहते हुए कांग्रेस को महज 69 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा है।