तेंदुआ खा रहा था बछडे को आ गई मादा तेंदुआ, आपसी संघर्ष में तेंदुआ की हुई मौत
उमरिया, 04 अप्रैल। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तेंदुए द्वारा बछड़े को मारकर खाने के दौरान मादा बाघ आ जाने से आपसी संघर्ष में तेंदुए की मौत हो गई है। जिसका अंतिम संस्कार रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया है।
क्षेत्र संचालक विन्सेंट रहीम ने रविवार को जानकारी दी कि रविवार सुबह 7 बजे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर परिक्षेत्र की कसेरू बीट के कक्ष क्रमांक 192बी में बमेरा कसेरु मार्ग के किनारे एक मादा तेंदुए का शव देखा गया। वन रक्षक द्वारा इसकी सूचना तत्काल वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी गई। मौके पर स्निफर डॉग बैली को भेजा गया एवं घटना स्थल को सील किया गया। स्निफर डॉग द्वारा आसपास के क्षेत्र में जाकर देखा गया तो शव से लगभग 100 मीटर दूर एक बछड़े का लगभग पूरा खाया किल और मादा बाघ के पग मार्क देखे गए। तेंदुए के शव के पास भी मादा बाघ के पग मार्क और किल को घसीटे जाने के प्रमाण मिले। शव के समीप एक वृक्ष पर लगभग 10 फीट की ऊंचाई तक तेंदुए के नाखूनों की खरोंच भी मिले। शव के गले और पीठ पर घाव देखे गए।
बताया गया कि प्रथम दृष्टया तेंदुए द्वारा बछड़े को मारकर खाने के दौरान मादा बाघ आ जाने से आपसी संघर्ष में तेंदुए के मारे जाने और उसके उपरांत मादा बाघ द्वारा बछड़े को घसीटकर दूर ले जाना और खा लेना परिलक्षित होता है। सूचना प्राप्त होने पर क्षेत्र संचालक और अन्य वन अधिकारी सहायक वन्य जीव शल्यज्ञ डॉक्टर नितिन गुप्ता और एनटीसीए के प्रतिनिधि सी एम खरे के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और शव परीक्षण कर सैंपल संरक्षित किए गए। प्रबंधन द्वारा निर्धारित एस ओ पी अनुसार शवदाह कर तेंदुए को समस्त अवयवों सहित जलाकर पूर्णतः नष्ट किया गया। मादा तेंदुए की आयु लगभग ढाई से तीन वर्ष होना पशु चिकित्सक द्वारा आंकलित की गई।
हिन्दुस्थान संवाद