अनेक दुर्लभ जीवों और सुविधाओं वाला पेंच नेशनल पार्क पर्यटकों को तेजी से अपनी ओर कर रहा आकर्षित

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गणेश मचान खवासा

सिवनी, 26 मार्च। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त इंदिरा गांधी प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान में गणेश मचान खवासा, दुधिया मचान रूखड़ एवं दलदली मचान रूखड़ से पर्यटकों एवं वन्यप्राणी प्रेमियों को मचान में प्रात 06 बजे से 10.30 बजे तक व शाम में 4.30 बजे से 9 बजे तक बैठकर माह के सभी दिनं वन्यप्राणी दर्शन का आनंद उठाने को अवसर प्रदान किया जा रहा है।

दलदली मचान

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित इस नेशनल पार्क में हिमालय क्षेत्र के लगभग 210 प्रजातियों के पक्षी प्रवास के लिए आते हैं। अनेक दुर्लभ जीवों और सुविधाओं वाला पेंच नेशनल पार्क पर्यटकों को तेजी से अपनी ओर आकषिर्त कर रहा है। खूबसूरत झीलें, ऊंचे पेड़ों के सघन झुरमुट, रंगबिरंगे पक्षियों का कलरव, शीतल हवा के झोंके, सोंधी-सोंधी महकती माटी, वन्य प्राणियों का अनूठा संसार सचमुच प्रकृति के समूचे तन-बदन पर हरीतिमा का ऐसा अनंत सागर रोम-रोम में सिहरन भर देता है। पेंच नेशनल पार्क कोलाहल करते 210 से अधिक प्रजाति के पक्षियों, पलक झपकते ही दिखने और गायब हो जाने वाले चीतल, सांभर और नीलगायें, भृकुटी ताने खड़े जंगली भैंस और बाघों से भरा पड़ा है। यहां राज तोता (करन मिट्ठू) और बाज सहित प्रदेश का सरकारी पक्षी ‘दूधराज’ भी मस्ती करते दिखाई देते हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा नववर्ष के प्रांरभ अवसर पर बफर क्षेत्र में पर्यटन व रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से सिवनी जिले में स्थित पेंच नेशनल पार्क में बफर में सफर योजना का शुंभारभ किया गया था।

, दुधिया मचान

इस योजना के तहत पेंच टाइगर रिजर्व स्थित तीन मचानों से पर्यटक व वन्यप्राणी प्रेमी वन्यप्राणी दर्शन कर आनंदित हो रहे है। वहीं पर्यटकों की पहली पंसद रूखड बन गया है।

गणेश मचान खवासा

जहां पर कैम्पिंग सायकलिंग नेचर ट्रेल , पक्षी दर्शन , पैदल भ्रमण कर प्रकृति प्रेमी स्वयं को प्रकृति के करीब पाकर नैसर्गिक आनंद ले रहे है।

हिन्दुस्थान संवाद