Pench National Park: द ग्रेट इंडियन टाइगर स्टोरी,लोग तिरुमाला और वैष्णो देवी जाते हैं, मैं पेंच आता हूं-कुणाल गोयल

सिवनी, 19 दिसंबर। विश्व विख्यात पेंच टाईगर रिजर्व में आये हैदराबाद निवासी कुणाल गोयल ने रविवार को बताया कि उन्होनें 45 दिनों में तीसरी बार यह यात्रा की है जहां उनका स्वप्न था कि पेंच की कॉलर बाली बाघिन माताराम को देखे जो सपना आज सच हुआ। आज उसके दीदार करीब से हुये और उसकी 100 से अधिक फोटो उन्होनें अपने केमरे में सहेजे है। उन्होने देश के लोगों से कहा कि अधिक से अधिक लोग पेंच की सुंदरता को देखने आएं और जंगल और सबसे खूबसूरत जानवर टाइगर का आनंद लें।


हैदराबाद निवासी कुणाल गोयल ने रविवार को हिन्दुस्थान संवाद को बताया कि अद्धभुत पांच सफारी में अब तक तीन सुंदर टाइगर्स को देखा और एक और टुरिया गेट की सफारी बाकी है, आशा है कि हम पाड़देव औऱ उसके पांच शावक को देखें।

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पेंच के कुरई गढ़ में नर बाघ जो बेफिक्र होकर अपनी धुन में चल रहा है जिसके पंजे को अपने कैमरे से छायाचित्र को सहेजने का पल अविस्मरणीय था। अब तक की यात्रा में मेरी पसंदीदा पेंच की कॉलर वाली बाघिन है।

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कॉलर वाली उर्फ पेंच की माताराम , देवी से कम नहीं है उन्हें देखना किसी तीर्थ से कम नहीं है। उसकी उम्र 17 वर्ष से अधिक है, 29 शावकों की माँ है द ग्रेट इंडियन टाइगर स्टोरी । लोग तिरुमाला और वैष्णो देवी जाते हैं, मैं पेंच आता हूं।


मेरी तीर्थयात्रा, 29 बाघों की माँ, पेंच की कॉलरवाली उर्फ माताराम है वह मेरा ड्रीम टाइग्रेस, ड्रीम शॉट है इस पल के लिए पिछले 45 दिनों में 4 बार पेंच आया हु।


उन्होने बताया कि वह अपने 3 दोस्तों के साथ हैदराबाद से आये है उनके दिमाग में बस एक ही विचार था, हमें कॉलरवाली बाघिन उर्फ माताराम को देखना है। पिछले 45 दिनों में उनकी यह तीसरी यात्रा है, पिछली 2 बार उन्होनें बाघ देखे लेकिन कॉलरवाली बाघिन नहीं। रविवार 19 दिसंबर की सुबह, उन्होनें 6.30 बजे गेट में प्रवेश किया और अपने ड्राइवर (मुकेश सोनेने) और गाइड (विनोद नवारे) को वाहन को सीधे कॉलरवाली के क्षेत्र में ले जाने के लिए कहा, जो मूल रूप से पार्क का मध्य भाग है जिसमें अधिक घास का मैदान है। उन्होनें अपनी खोज बाइसन कैंप क्षेत्र में शुरू की, जो कॉलरवाली के क्षेत्र का हिस्सा है, सुबह लगभग 7.15 बजे, उन्होनें देखा हिरण और जिंगल फाउल अलार्म कॉल। जिसका उन्होनें पालन किया और 5 मिनट के बाद, देवी कॉलरवाली झाड़ियों से प्रकट हुईं और सड़क पर चलने लगीं। उसके फिर से झाड़ियों में गायब होने से उन्होनें 100 से अधिक तस्वीरें क्लिक कीं।

उन्होनें कॉलरवाली को देवी कहा है !! और कहा है कि हाँ, वह एक देवी है, उसकी उम्र 17 वर्ष से अधिक है, 29 शावकों की माँ है और यह शावको को उन्हें 8 बार मे जन्म दिया है। वह बड़ी मादा की बेटी, यह प्रसिद्ध लंगड़ी बाघिन की सहोदर व पहाड़ देव मादा बाघिन की बहन है। यह जानकारी हमें उसके जीवन को समझने के लिए पर्याप्त है और मैंने उसे देवी क्यों कहा !!


उन्होनें बताया कि उनके गाइड ने उन्हें बताया कि जब वह पैदा हुई थी तो वह 5 भाई-बहनों में से एक थी, अब उसकी बेटी पाड़देव ने हाल ही में 5 शावकों को जन्म दिया। बेहद कठिन है बाघिन का जीवन, उन्हें न केवल जन्म देना पड़ता है, बल्कि लगभग 18-24 महीने तक शावकों की देखभाल भी करनी पड़ती है। उन्हें नियमित भोजन उपलब्ध कराना, उन्हें नर बाघों से दूर सुरक्षित स्थान पर रखना, उन्हें शिकार करने की तकनीक सिखाना, उनके क्षेत्र का हिस्सा देना आदि। पेंच कई कारणों से भारत का नंबर एक टाइगर रिजर्व है।


कुणान गोयल ने कहा कि सबसे पहले में विशेष धन्यवाद एसडीओ बीपी तिवारी को जो पार्क को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए एक स्तंभ हैं। कठिन विकट समय के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए गेट के कर्मचारियों को भी विशेष घन्यवाद देता हूं।

हिन्दुस्थान संवाद

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