जिले में 09 नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों का एक वर्ष का फील्ड प्रशिक्षण

भोपाल/सिवनी, 10 मार्च। प्रदेश के वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख म.प्र.भोपाल राजेश श्रीवास्तव ने सोमवार 08 मार्च 21 को सिवनी वृत अंतर्गत 09 नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों का एक वर्ष का फील्ड प्रशिक्षण उपरांत परिवीक्षा अवधि अन्तर्गत रेंज प्रशिक्षण हेतु परिक्षेत्र प्रभार सौंपने मुख्य वनसंरक्षक (क्षेत्रीय) सिवनी एवं उज्जैन वृत को निर्देशित किया है।
मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख म.प्र.भोपाल द्वारा जारी आदेश अनुसार विभिन्न वानिकी प्रशिक्षण महाविद्यालयों से 18 माह का वनक्षेत्रपाल प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों को आपके वृत्त में कार्यालयीन तथा क्षेत्रीय प्रशिक्षण हेतु 2 वर्ष की परिवीक्षा पर पदस्थ किया गया है। नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों को प्रधान मुख्य वन संरक्षक, म०प्र०भोपाल के परिपत्र कमांक/ मासवि/सामान्य/ 1832, दिनांक 29.06.2011 व्दारा 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित कर प्रशिक्षण दिए जाने के निर्देश दिए गए है प्रशिक्षण कार्यक्रम अनुसार परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपालों को प्रथम वर्ष में कार्यालयीन व वानिकी कियाकलापों का प्रशिक्षण तथा व्दितीय वर्ष में परिक्षेत्र का प्रभार दिलाकर on the job प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों व्दारा प्रथम वर्ष का प्रशिक्षण (वन वृत सिवनी )सफलतापूर्वक पूर्ण करने के पश्चात् व्दितीय वर्ष में रेंज प्रशिक्षण हेतु सुश्री स्वाती सिन्हा, सुश्री मेघा पटेल को पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी, सिध्दार्थ तिवारी को परिक्षेत्र अधिकारी धूमा, सुश्री रूचि पटेल को परिक्षेत्र अधिकारी शिकारा, भीम सिंह को परिक्षेत्र अधिकारी कुरई, सुभम बरोनिया को परिक्षेत्र अधिकारी सिवनी, सुश्री करिष्मा शेख को परिक्षेत्र अधिकारी बंडोल, सुश्री स्मृति सुमन झा को परिक्षेत्र अधिकारी बरघाट और सौरभ शर्मा को परिक्षेत्र अधिकारी कन्नौद सामान्य वनमंडल देवास रेंज प्रशिक्षण हेतु प्रभार का अनुमोदन प्रदान किया जाता है।
जारी आदेश में बताया गया कि परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपालों को तत्काल प्रभाव से रेंज प्रशिक्षण प्रदान करने की कार्यवाही प्रारंभ की जावें । रेंज प्रशिक्षण हेतु अनुमोदित पदस्थापना अनुसार संबंधित परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपाल को तत्काल भारमुक्त कर पालन प्रतिवेदन प्रेषित किया जावे।
नवनियुक्त वनक्षेत्रपालों के कुछ ऐसे प्रकरण प्रकाश में आये है कि 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में उन्हें एक वर्ष के रेज प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत प्रशिक्षण रेंज से अन्यत्र पदस्थ करने के फलस्वरूप उनके व्दारा मान उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत कर स्थगन प्राप्त करने की कार्यवाही की गई एवं उनके व्दारा मान उच्च न्यायालय के समक्ष यह तथ्य प्रस्तुत किया गया कि उन्हें 03 वर्ष की पदस्थिति के पूर्व ही स्थानांतरित कर दिया गया है।
जारी आदेश में बताया गया कि रेंज प्रशिक्षण प्रभार हेतु निम्नानुसार स्थिति स्पष्ट किया जाता है वनक्षेत्रपालों की यह पदस्थापना प्रधान मुख्य वन संरक्षक,म.प्र.भोपाल के परिपत्र कमांक/मासंवि/सामान्य/1832, दिनांक 29.06.2011 के तहत निर्धारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत परिवीक्षाधीन अवधि में रेंज प्रशिक्षण के लिए की गई है तथा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरांत नियमित पदस्थापना की जावेंगी। अतः यह पदस्थापना स्थानांतरण की श्रेणी में नही है।
परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपाल व्दारा अपनी सेवा संबंधी मामलों अर्थात पदस्थापना के विषय में कोई राजनीति या अन्य प्रभाव का इस्तेमाल किया जाता है. तो उनके विरूध्द म0प्र0 सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के भाग-5 नियम – 10 के तहत नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकेंगी। तथा उनके कार्य ऑकलन प्रतिवेदन/गोपनीय प्रतिवेदन में तदाशय की प्रविष्टि की जावेंगी। परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपालों के रेंज प्रभार के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों व्दारा उनके कार्यों का विशेष पर्यवेक्षण किया जाना चाहिए तथा संवेदनशील गतिविधियों जैसे- सामग्री कय, तकनीकी वानिकी कार्य, व वित्तीय लेन-देन के कार्य आदि की नियमित समीक्षा की जाना चाहिए। एक वर्ष की निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर परिवीक्षा अवधि में सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण होने का कार्य आँकलन प्रतिवेदन एवं विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने संबंधी जानकारी इस कार्यालय को अनिवार्य रूप से प्रेषित की जावें ताकि परिवीक्षाधीन वनक्षेत्रपाल के स्थाईकरण के संबंध में कार्यवाही की जा सके।
हिन्दुस्थान संवाद
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