म.प्र.: पेंच से आई बाघिन बनी आरवीटी-9, रामगढ़ विषधारी में जल्द खुले जंगल में छोड़ी जाएगी
बूंदी/सिवनी, 25 दिसंबर । अंतरराज्यीय बाघ स्थानांतरण कार्यक्रम के तहत मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से स्थानांतरित बाघिन पीएन-224 को अब रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य में आरवीटी-9 के रूप में पहचान दी गई है। इससे पूर्व रणथंभौर टाइगर रिजर्व से लाई गई बाघिन को आरवीटी-8 नाम दिया गया था, जो वर्तमान में कालदां क्षेत्र व बूंदी शहर के आसपास के बफर जोन में अपनी टेरिटरी विकसित कर रही है।
अनुवांशिक विविधता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लाई गई बाघिन आरवीटी-9 को टाइगर रिजर्व में बनाए गए एक हेक्टेयर के सुरक्षित बाड़े में छोड़ा गया है, जहां वह पूर्णतः स्वस्थ पाई गई है। नियमित अवलोकन में यह सामने आया है कि बाघिन शांत, संयमित है और स्थानीय पर्यावरण में अच्छी तरह अनुकूलित हो चुकी है। बाघिन बाड़े के भीतर सक्रिय रूप से विचरण कर रही है तथा उसने सफलतापूर्वक शिकार भी किया है, जो उसकी शारीरिक क्षमता और व्यवहारिक स्थिरता का सकारात्मक संकेत है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के तहत बाघिन की सतत निगरानी की जा रही है।
विभाग को उम्मीद है कि सप्ताहांत तक बाघिन को खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा। यह बाघ स्थानांतरण रामगढ़ विषधारी सहित राज्य के बाघ अभयारण्यों में बाघों की आबादी के आनुवंशिक आधार को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे अंतरराज्यीय सहयोग के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को नई मजबूती मिलेगी।
