M.P.: पेंच पार्क में आकर पर्यटक हो जाते है मंत्रमुग्ध, नही थकते यहां के वन्यप्राणियोे की तारीफ करते
सिवनी, 07 जून। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले स्थित पेंच नेशनल पार्क बाघ, तेदुंए सहित अन्य वन्यप्राणियों के लिए विश्वविख्यात है। इन वन्यप्राणियों की मनमोहक , अद्भुत तस्वीरें सोशल मीडिया में देखकर लोग यहां आने को उत्सुक होते है। और यहां का प्राकृतिक दृश्य, वातावरण, पर्यावरण उन्हें भाता है। और यहां आकर वह मंत्रमुग्ध हो जाते है और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य व वन्यप्राणियों की तारीफ करते हुए थकते नही है।
Photo by- Rinkesh Shah, Dhiren Patel
बुधवार की सुबह पेंच नेशनल पार्क के कर्माझिरी गेट स्थित वन क्षेत्र में इंदौर निवासी रिकेंश शाह और धीरेन पटेल ने ऐसी ही अद्भुत तस्वीरें ली। जिनमें तेंदुआ पेंड पर चहलकदमी कर रहा है। वही फायर लाइन के समीप उन्होनें पाटदेव बाघिन को उसके शावकों के साथ देखा साथ ही पाटटेव की बहन लक्ष्मी तथा बीते दिन चोटिल हुई बाघ टी 20 लगडी बाघिन को जलस्त्रोत से प्यास बुझाते हुये बहुत करीब से देखा। इसी प्रकार तेदुओ को भी शावकों के साथ देखा। श्री शाह ने बताया कि तीन दिन में तीन सफारी के की तथा उनके परिवार के साथ यह पल उनके लिए बहुत ही यादगार था जब उन्होने उत्सकृता के अधिक वन्यप्राणियों के दर्शन किये। यह पल थमने का नाम नही ले रहा था कि उन्होनें भेंडिया, सियार,हरा कबूतर , नीलकंठ ,उल्लू, मोर, रैकेट टेल ड्रांगों सहित और भी कई वन्यप्राणियो को देखा और उनकी तस्वीरे कैमरे में कैद की है।
बताया कि यह पल बहुत ही यादगार था ऐसा लगा रहा कि हम यहां कुछ दिन और रहे और प्रकृति के सौंदर्य को निहारते हुये वन्यप्राणियों के दर्शन से लाभान्वित हो।
ज्ञात हो कि पेंच पार्क के कर्माझिरी कोर क्षेत्र में 20 प्रतिशत भाग में पर्यटन होता है यहां के वन्यप्राणी और प्रकृति के अद्भुत नजारे को देखने पर्यटक आते है। 80 प्रतिशत भाग अछूता है जहां पर्यटक नही जा पाते है। प्रबंधन द्वारा इस क्षेत्र नित्य नये कार्यो को करता रहता है जिससे पर्यटक यहां आने लिए तरसता है।
उल्लेखनीय है कि पेंच टाईगर रिजर्व में मुख्यतः तीन प्रकार के वन्यप्राणी है जिसमें शाकाहारी, मांसाहारी, सर्वाहारी है। वर्ष 1992 में भारत सरकार द्वारा पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच अभ्यारण्य एवं कुछ अन्य वन क्षेत्रों को सम्मिलित कर 757.850 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को देश का 19 वां प्रोजेक्ट टाईगर रिजर्व बनाया गया। वर्ष 2002 में पेंच राष्ट्रीय उद्यान एवं पेंच अभ्यारण्य का नाम क्रमशः इंदिरा प्रियदर्शनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान एवं पेंच मोगली अभ्यारण्य रखा गया। मांसाहारी वन्यप्राणी में शेर, तेन्दुआ, जंगली बिल्ली, जंगली कुत्ते, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, भेड़िया, नेवला, सिवेट केट इत्यादि पाये जाते है। शाकाहारी प्रजातियों में गौर, नीलगाय, सांभर, चीतल, चौसिंगा, चिंकारा, जंगली सुअर इत्यादि प्रमुख है ।
इस राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 325 प्रजातियों के पक्षी भी वर्ष के विभिन्न मौसमो में देखे जा सकते हैं। पार्क की सीमा के अंदर स्थित तोतलाडोह जलाशय के डूब क्षेत्रों में ठंड के मौसम में कई प्रकार के प्रवासी पक्षियों का जमघट लगा रहता है। प्रवासी पक्षियों में ब्रम्हिनी डक, पिनटेल, व्हिसलिंग टील, वेगटेल इत्यादि प्रमुख है ।
जूलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा इस संबंध में सर्वेक्षण करने पर इस संरक्षित क्षेत्र में लगभग 57 प्रजाति के स्तनपाई (मेमल्स), 13 प्रकार के उभयचर, 37 प्रकार के सरीसृप एवं 50 प्रकार की मछलियां का पता लगाया जा चुका है। इसके साथ साथ विभिन्न प्रकार के रहवास में लगभग 325 से अधिक प्रजातियो के पक्षियों की पहचान की जा चुकी है।
हिन्दुस्थान संवाद