M.P.: प्रदेश को मिला नया कर्माझिरी अभयारण्य, करेरा वन्य-प्राणी अभयारण्य समाप्त

सिवनी, 26 जुलाई। राज्य शासन द्वारा प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल करते हुए नवीन कर्माझिरी अभयारण्य का गठन किया गया है। इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी गई है।


प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जसबीर सिंह चौहान ने बताया कि नवगठित कर्माझिरी अभयारण्य में सिवनी जिले के 1410.420 हेक्टेयर वन क्षेत्र को शामिल किया गया है। इस अभ्यारण्य के गठन से टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी। शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्य-प्राणियों को अतिरिक्त रहवास स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही प्रदेश में वन्य-प्राणी बहुल क्षेत्र को शामिल करते हुए संरक्षित क्षेत्र के रकबे में वृद्धि होगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में 24 अभयारण्य है। शिवपुरी के करेरा अभयारण्य को डिनोटिफाई किया गया है। इस प्रकार कर्माझिरी अभयारण्य के गठन के बाद संख्या कुल 24 ही रहेगी।
करेरा अभ्यारण्य हुआ डिनोटिफाइ
राज्य शासन ने भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के बाद एक और महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी करते हुए शिवपुरी जिले के करेरा में 202.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बने वन्य-प्राणी अभयारण्य को समाप्त कर दिया है। इससे इस क्षेत्र की जनता की लंबे समय से चली आ रही माँग पूरी हो गई है।

उल्लेखनीय है कि करेरा वन्य प्राणी अभयारण्य का गठन 1981 में सोन चिड़िया के संरक्षण के लिये किया गया था। इसमें केवल राजस्व और निजी भूमि शामिल थी। अभयारण्य की अधिसूचना के बाद से अधिसूचना में शामिल भूमि के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगा था। क्षेत्र की जनता द्वारा लगातार माँग की जा रही थी कि इस अभयारण्य को डिनोटिफाई किया जाए। वर्ष 1992 के बाद इस क्षेत्र में सोन चिड़िया नहीं देखी गई। स्थानीय जनता एवं जन-प्रतिनिधियों की माँग पर राज्य शासन द्वारा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेज कर सहमति माँगी गई थी। सहमति प्राप्त होने पर राजपत्र में अधिसूचना जारी कर इसे डिनोटिफाई कर दिया गया है।
हिन्दुस्थान संवाद

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