बांधवगढ के जंगलों में लगी 03 दिनों से आग , काबू पाया आज


उमरिया, 31 मार्च। मध्यप्रदेश के बांधवगढ पार्क के 04 परिक्षेत्रों में बीते 03 दिनों से आग लगी है जिस पर आज सुबह की स्थिति में काबू पा लिया गया है।
प्रत्यक्षदशिर्यो व ग्रामीणों के अनुसार बीते 03 दिनों से लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए मौके पर कोई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं रहा। पर्यटन प्रभारी व स्थानीय कर्मचारी और स्थानीय जनों के सहयोग से आग पर कुछ काबू पाया गया। प्रबंधन के अनुसार बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितोली, मगधी और ताला जोन में आग लगी हुई है। अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग समय में आग लगने की जानकारी मिली है। आग पर नियंत्रण की पूरी कोशिश की जा रही है। गर्मी के दिनों में इस तरह की घटनाएं आम तौर पर जंगल के अंदर हो जाती हैं, लेकिन इस बार आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
बताया गया है कि पिछले 3 दिनों में अलग-अलग जगह आग लगने की जानकारी सामने आई है आग लगने की जानकारी सामने आने के बाद फायर लाइन काटने का काम तेज कर दिया गया और वन हमले को अलर्ट कर दिया गया।


बताया गया कि जंगल में महुआ बीनने के लिए जाने वाले ग्रामीण आग लगा देते हैं। दरअसल गांव के लोग महुआ के पेड़ के नीचे पड़े पत्तों में आग लगाते हैं, ताकि जमीन साफ हो जाए और गिरने वाला महुआ दिखाई पड़े। पत्तों की वजह से महुआ दिखाई नहीं पड़ता और पत्तों के नीचे छिप जाता है। यही कारण है कि आग लगाकर पत्तों को जला दिया जाता है और इस तरह से सफाई की जाती है। लेकिन यह आग कभी-कभी भड़क जाती है और जंगल तक पहुंच जाती है जिससे बड़ी घटनाएं होने लगती हैं।
बांधवगढ टाईगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर विंसेंट रहीम ने बताया कि आग लगने की घटना की जानकारी मिलने के बाद वन अमला आग बुझाने में सक्रिय हो गया था। आग पर नियंत्रण पा लिया गया है। नुकसान का आकलन अभी नहीं हुआ है। पशु पक्षियों की मौत की भी जानकारी अभी सामने नहीं आई है।


सोशल मीडिया फेसबुक में उत्कर्ष रहीम द्वारा बाघ के किल करने संबंधी फोटोग्राफ के सबंध में फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि वह अपने पुत्र उत्कर्ष रहीम को गश्ती के दौरान ले जाते है।

ज्ञात हो कि टाईगर रिजर्व अंतर्गत जहां सामान्य व्यक्तियों को फोटोग्राफ करने की अनुमति लेनी पडती है और उसका विधिवत रूप से राजस्व शुल्क जमा किया जाता है वहीं फील्ड डायरेक्टर द्वारा इन बातों को दरकिनार करते हुए अपने पुत्र को फोटोग्राफी के लिए ले जाना सोचनीय विषय है। कि वन विभाग के नियम सिर्फ आम व्यक्तियों पर लागू होते है विभागीय अधिकारियों पर नहीं ?

सोशल मीडिया फेसबुक में बाघ के किल करने संबंधी फोटोग्राफ


ग्रामीणों के अनुसार जंगल में लगी आग के कारण भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की जा रही है। बताया जा रहा है कि आग में न सिर्फ जंगल के कीमती पेड़ जल गए हैं बल्कि पशु पक्षियों को भी नुकसान हुआ है। हालांकि अभी पशु पक्षियों के नुकसान की कोई पुष्टि पार्क प्रबंधन ने नहीं की है।

हिन्दुस्थान संवाद

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