मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का ठीकरा ईवीएम पर फूटा

मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस की हार का ठीकरा ईवीएम पर फूटा
दिग्विजय ने उठाए सवाल और कहा जिस मशीन में लगी हो चिप, वो हो सकती है हैक
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भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की 163 सीटों के साथ हुई अप्रत्याशित जीत को लेकर कांग्रेस नेता अब ईवीएम को लेकर मुखर होने लगे हैं। दरअसल कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह इस बार 130 सीटों से ज्यादा पर विजय हासिल करेगी, इसके विरुद्ध उसे 230 सीटों में से महज 66 सीटें ही हासिल हो सकीं। इस पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर सवाल खड़े किए और कहा कि ऐसी कोई भी मशीन जिसमें चिप लगती हो हैक की जा सकती है।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनावी नतीजे रविवार को आ गए थे उसके दो दिनों बाद मंगलवार 5 दिसंबर की सुबह दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए ईवीएम पर सवाल खड़े करते हुए कहा, कि ऐसी कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो वो हैक की जा सकती है। मैं साल 2003 से ही ईवीएम से मतदान कराए जाने के खिलाफ रहा हूं। इसके साथ ही दिग्विजय ने एक बड़ा सवाल उठाया और सीधे-सीधे यह कह दिया कि क्या हम भारतीय लोकतंत्र को प्रोफेशनल हैकर्स द्वारा कंट्रोल किया जाने दे सकते हैं? दिग्विजय ने इसे बुनियादी मुद्दा बताते हुए कहा है, कि सभी राजनीतिक दलों को इस पर विचार करना चाहिए। दिग्विजय यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट से भी सवाल किए हैं और पूछा है कि क्या वो भारत के लोकतंत्र को बचा सकते हैं? इस प्रकार एक बार फिर हार का ठीकरा ईवीएम के सिर पर फोड़ दिया गया है और सवाल खड़े कर सोचने पर मजबूर किया गया है।

पोस्टल बैलेट का हवाला दिया
इससे पहले कांग्रेसन नेता विवेक तन्खा और पू्र्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को अलग-अलग ट्वीट्स करके पोस्टल बैलेट के द्वारा मिले मतों की जानकारी साझा करते हुए बतलाया था कि डाक मतपत्र में तो कांग्रेस पार्टी को भाजपा से ज्यादा वोट मिले हैं। इसे लेकर दिग्विजय सिंह ने सवाल किया था कि यदि जनता वही है तो ईवीएम और डाक मतपत्र वाली वोटिंग पैटर्न में इतना अंतर कैसे आ सकता है। दिग्विजय सिंह ने पोस्टल बैलेट के नतीजों की जानकारी साझा की और कहा कि हमें अर्थात कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त हासिल हुई है, जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास हासिल नहीं हो सका।

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