मध्य प्रदेश में पकड़े गए पीएफआई के सदस्यों पर आरोप तय
भोपाल। राजधानी भोपाल की विशेष अदालत में गुरुवार को प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मध्य प्रदेश से पकड़े गए 22 सदस्यों पर आरोप तय हो गए हैं। अभियोजन पक्ष के वकीलों की तरफ से कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया। जांच टीम को फिटनेस सेंटर के नाम पर आतंकी ट्रेनिंग, जिहादी मानसिकता, देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने के के कई सबूत मिले। भोपाल की विशेष एनआईए कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में पीएफआई के 1500 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं, 22 भोपाल जेल में हैं। एटीएस और एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि पीएफआई के सदस्य 2047 तक बड़ी आतंकी गतिविधि की प्लानिंग कर रहे थे। केंद्र सराकर ने 2022 में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों के साथ मध्य प्रदेश में भी छापे पड़े थे।
भोपाल, उज्जैन, इंदौर, श्योरपुर, मालवा-निमाड़ सहित कई शहरों में की गई कार्रवाई के बाद पीएफआई के 22 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला है कि आरोपी पीएफआई की ब्रांच में फिटनेस ट्रेनिंग के बहाने युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दिया करते थे। इतना ही नहीं जिहादी गतिविधियों के लिए विदेशों से फंड मिलने के सबूत भी सामने आए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने और पुलिस की रडार से बचने के लिए पीएफआई के सदस्य एक दूसरे से संपर्क करने के लिए न तो फोन का इस्तेमाल करते थे और किसी सोशल मीडिया प्लेफॉर्म पर मौजूद थे। ये लोग एक कॉमल ईमेल तैयार करते थे। इसका पासवर्ड सिर्फ पीएफआई के सदस्यों के पास हुआ करता था।