नरसिंहपुर विधानसभा सीट- पटेलों की जंग में पावर और पैसों का खेल,प्रहलाद पटेल, जालम सिंह पटेल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे स्टार प्रचारक यहां पहुंच रहे हैं। वहीं प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश की अन्य सीटों पर भाजपा के प्रचार अभियान में सहभागिता निभा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ यहां सभा कर चुके हैं।
नरसिंहपुर विधानसभा सीट- पटेलों की जंग में पावर और पैसों का खेल
प्रहलाद पटेल, जालम सिंह पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का मुकाबला कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल सेपिछले चुनाव में पराजित होने के बाद से कांग्रेस के लाखन सिंह की विधानसभा क्षेत्र की पैदल परिक्रमा का क्रम जारी है।भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के पास उनकी केंद्रीय मंत्री की ताकत है।
तरुण मिश्रा, नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार नरसिंहपुर के चुनावी मैदान में हैं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल। यहां हेलीकाप्टरों से उड़ती धूल है, पावर है, पैसा है और प्रचार है। इन सबके बीच है जनता जो बगैर कुछ कहे सिर्फ मुस्कुराती है।
दोनों प्रत्याशियों के साथ सहानुभूति
सहानुभूति दोनों प्रत्याशियों के साथ है। पिछले चुनाव में पराजित होने के बाद से कांग्रेस के लाखन सिंह की विधानसभा क्षेत्र की पैदल परिक्रमा का क्रम जारी है। वहीं भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के पास उनकी केंद्रीय मंत्री की ताकत है। उनका परिवार और विशेष तौर पर उनके विधायक भाई जालम सिंह पटेल साथ हैं।
गन्ने और दालों के खेतों से भरी इस कृषि पट्टी में मतदाताओं की मनुहार जारी है। इन सबके बीच मतदाता मौन हैं। गिने चुने लोग ही बोलते हैं तो सामने आता है किसानों का दर्द, बेरोजगारी का मुद्दा, नशा और अपराध।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे स्टार प्रचारक यहां पहुंच रहे हैं। वहीं प्रहलाद सिंह पटेल प्रदेश की अन्य सीटों पर भाजपा के प्रचार अभियान में सहभागिता निभा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ यहां सभा कर चुके हैं। इन सभी मुद्दों के बीच पड़ोस से लगे गोटेगांव के परमहंसी गंगा आश्रम की भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका है। लाखन सिंह भी अनेक नेताओं की तरह ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद के शिष्यों में शामिल हैं। कांग्रेस, प्रहलाद सिंह पटेल को हेलीकाप्टर मंत्री बताती है। भाजपाई सीना तानकर कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं तो क्या वहीं रहने लगे।
पांच साल से निगत-निगत घुटना घुर गए, देखो पट्टी बांधे हैं। आमगांव में जनसंपर्क के दौरान एक मतदाता के घर में बैठे कांग्रेस के प्रत्याशी लाखन सिंह पटेल ने यह बात कही। पिछली बार चुनाव हारने के बाद वह घर पर नहीं बैठे। जनता से इस बार सेवा लेनी है, यह कहते हुए लाखन सिंह ने मेरी ओर देखा। आंखें बता रहीं थीं कि वह कई रातों से सोए नहीं हैं। नींद आए भी कैसे जब सामने मैदान में केंद्रीय मंत्री हों। लाखन कहते हैं मैं परिणाम के बारे में नहीं सोचता। सतत जनसंपर्क पर विश्वास है और सुबह 10 बजे घर से निकल जाने की आदत बन गई है। लोगों के सुख-दुख में खड़े होना दिनचर्या का हिस्सा है। पैदल जनसंपर्क की आदत बन गई है।
उम्मीदवार बदलने की चर्चा चारों ओर
जालम सिंह पटेल का टिकट काटकर बड़े भाई व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह को टिकट देने को लेकर चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस प्रत्याशी लाखन स्वयं कहते हैं कि जालम सिंह से मुकाबला और कड़ा होता। आमगांव के कीरत लाल कहते हैं कि प्रहलाद सिंह केंद्र की राजनीति से जुड़े हैं और अपने क्षेत्र में प्रचार भी नहीं कर पा रहे। अपना नेता सुलभता से मिले ऐसा होना चाहिए।
क्षेत्र में प्रहलाद सिंह से ज्यादा लोकप्रिय उनके भाई जालम सिंह हैं। वह प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं, विकास कार्य गिना रहे हैं और मतदाताओं को भाजपा प्रत्याशी की अनुपस्थिति का आभास नहीं होने दे रहे। नरसिंहपुर में 2,32,324 मतदाता हैं। वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा के जालम सिंह को 87,827 मत मिले थे। मत प्रतिशत- 51 था। कांग्रेस के लखन सिंह पटेल ने 72,939 मत प्राप्त किए थे। उनका मत प्रतिशत 42 था। 2013 का चुनाव भी जालम सिंह ने जीता था। वर्ष 2008 में सीट कांग्रेस के पास थी। 2008 में जालम सिंह पटेल ने उमा भारती की जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ा था। इसके पूर्व जालम सिंह 2003 में भाजपा से चुनाव जीते थे।
किसानों का अपना दर्द
लौकीपार के प्रज्ञान शर्मा बताते हैं कि यहां किसान गन्ना, चना, गेहूं और मसूर की फसलें लगाते हैं, लेकिन आठ घंटे की बिजली कटौती होती है। खाद का संकट वर्षों से बरकरार है। डीएपी, यूरिया और पोटाश नहीं मिल रहा। मंडियों में पारदर्शिता का अभाव है। सिंहपुर के दीपक साहू का कहना है कि क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं। नर्मदा से अवैघ रेत खनन, गांव-गांव देसी शराब की सप्लाई, कृषि उपकरणों की चोरी हो रही है।
