संसार में हमें अधिक से अधिक पुण्य का संचय कर अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जनहित में लगानी चाहिए- स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज

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सिवनी, 25 फरवरी। जब हम अन्न बनाते है तो यह सामान्य बात होती है लेकिन जब उसमे रस आता है तभी हम उसका आनंद ले पाते है। इसलिये अन्न की तरह भक्ति में रस नही होगा तो आनंद की अनुभूति नही होगी। हम लोग आत्मा की बात करते है, और मानते है कि आत्मा निर्विकार एवं शुद्ध होती है। फिर हमसे अपराध क्यों होते है। इस बात पर चिंतन करने की आवश्यकता है। यह सही है कि आत्मा शुद्ध है,लेकिन इस आत्मा तक पहुंचने वाली शाखाऐं आत्मा तक क्या शुद्ध वस्तुऐं पहुंचा रही है। अगर नही तो ऐसे में आत्मा पर आरोप लगना जायज है। उक्ताशय की बात भाजपा नेता लालमणी उर्फ लालू राय के निवास पर आयोजित भागवत कथा के दौरान स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।


स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ने आगे कहा कि जिस तरह जल शुद्ध होता है और उसे हम पाप की अग्रि में गर्म करते है,ऐसे में हम उम्मीद करते है कि जल गर्म ना हो,तो क्या संभव है,नही तो फिर हमें जल को ठंडा रखने के लिए पाप की अग्रि को जल से दूर रखना पड़ेगा। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि आग के ऊपर रखे जल में अगर हम बर्फरूपी पुण्य के गोले डाल देते है तो निश्चित ही वह गोले तभी तक जल को ठंडा रख पायेंगे, जब तक पुण्य है। बाद में जल स्वयं सामान्य हो जायेगा। निश्चित ही यह पाप, पुण्य हमें चिंतन करने को विवश करता है कि संसार में हमें अधिक से अधिक पुण्य का संचय करना चाहिए। अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जनहित में लगानी चाहिए। क्योंकि हम जब पुण्य के कार्य करते है तो उसका प्रतिफल भी पुण्य के रूप में हमें प्राप्त होता है। यहां पर आकर मुझे प्रसन्नता हुई। क्योंकि जहां पुण्य होता है वहां शांति होती है। और शांति के साथ जहां अन्न के माध्यम से लोगों को प्रसाद की व्यवस्था होती है उससे समृद्धि और शांति दोनो आती है।
इस अवसर पर स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज के पादुका पूजन के कार्यक्रम में लालमणी राय का परिवार एवं पूर्व विधायक नरेश दिवाकर,नीता पटेरिया,आलोक दुबे,विजय सूर्यवंशी, विनोद सोनी, पंकज बिसेन,रामलाल राय,सुरेश भांगरे,संतोष अग्रवाल, प्रमोद राय,अखिलेश रजक,रूद्रदेव राहंगडाले,राजेश त्रिवेदी,मुनिया टांक सहित अनेक लोग उपस्थित रहे। सभी उपस्थितजनों को मंगल आशीर्वाद देते हुये मीडिया कर्मियों में शरद दुबे, लोकेश उपाध्याय,रामकिशन सेंगर,संजय जैन आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान संवाद

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