जंगलों में 02 दिन से भभक रही आग, दमकल का इंतजार

छिंदवाड़ा, 01 अप्रैल । मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा जिले के जंगल इन दिनों आग से भभक रहे हैं। यूं तो छिंदवाड़ा वनवृत्त के जंगल के कई क्षेत्रों में आग की सूचना मिल रही है, लेकिन दक्षिण वन मंडल की पांढुर्णा रेंज अंतर्गत काढ़ापाठा गांव में पिछले 2 दिन से कई पेड़ आग से झुलस चुके हैं। साथ ही वन्यजीवों का भी नुकसान हुआ है। छिंदवाड़ा-परासिया मार्ग पर कोसमी के जंगल में भी सड़क किनारे ही आग की लपटें आसानी से देखी जा सकती है। फायर बिग्रेड के इंतजार में यहां लगी आग ने भयावह रूप ले लिया। इसी तरह पूर्व वनमण्डल के हर्रई से नरसिंहपुर मार्ग पर भी आग भयानक रूप ले रही है। रात को दूर से जंगल मे लगी आग देखी जा सकती है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि वन विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। यदि समय रहते उपाय किये जायें तो काफी नुकसान से बचा जा सकता है। वहीं वन अधिकारियो के मुताबिक गर्मी के दिनों में इस तरह की आग की घटनाएं आम हो जाती है, जिन पर समय रहते ही नियंत्रण कर लिया जाता है।

बता दें कि वन विभाग हर वर्ष जंगल की आग बुझाने के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा देता है। हर वर्ष आग बुझाने के नाम पर स्थानीय स्तर पर फायर वाचरों की नियुक्ति के साथ ही आग बुझाने के यंत्रों की खरीदी की जाती है। बावजूद इसके जंगल मे आग से होने वाले नुकसान में कोई कमी आती नहीं दिख रही। मार्च महीने में ही जंगलों में क़ई बार आग लग चुकी है। लेकिन विभागीय अमला आग पर समय पर काबू पाने में सफल नहीं हो पाया। जंगल की ये आग दिन के समय तो आसानी से दिखाई नहीं देती लेकिन अंधेरा होते ही जंगल में लगी आग की लपटें दूर से ही दिखाई देने लगती है। आग से लाखों की कीमती लकड़ी भी जलकर झुलस जाती है, जिसके बाद लकड़ी के तस्कर अमले के स्थानीय लोगो की मिलीभगत से बची लकड़ियों को ठिकाने लगा देते हैं।

पूर्व वनमण्डल अंतर्गत अमरवाड़ा उपवनमण्डलाधिकारी आलोक वर्मा बताते हैं कि गर्मी में आग लगते ही रहती है। सेटेलाइट के जरिये आग की सूचना मिलते ही आग बुझा दी जाती है। हमारे क्षेत्र में नुकसान इसलिए नहीं होता क्योंकि ये ग्राउंड फायर है। जमीन में नीचे-नीचे आग लगते ही बुझा दी जाती है। आग लगने के कारणों पर वे कहते हैं कि आग लगती नहीं, लगाई जाती है। क्योंकि छिन्दवाड़ा में तेंदूपत्ता होता है। यहां के लोगों का मानना है कि आग से तेंदूपत्ता अच्छा होता है।

दक्षिण वनमण्डल सौसर के उपवनमण्डलाधिकारी एके महाले ने बताया कि इस क्षेत्र में लगभग सभी रेंजों में आग लगी है। पांढुर्णा के ग्राम काढ़ापाठा, भोली के अलावा सौसर,सिल्लेवानी,अम्बाडा और कन्हान रेंज में भी आग लगी है। समय रहते आग बुझा दी जाती है इसलिए कोई नुकसान नहीं होता।

इनपुट-हि.स.

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