केंद्र की पूर्वोदय योजना: चहुंमुखी विकास होगा, रेल और सड़क मार्ग मजबूत होने से पैदा होंगे नए रोजगार
नई दिल्ली। इस बार बजट में बुनियादी ढांचे पर ज्यादा जोर दिया गया है। माना जा रहा है कि रेल-सड़क मार्ग समेत यातायात के अन्य संसाधन मजबूत होने से प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से नए रोजगार पैदा होंगे। यातायात के संसाधन जितने मजबूत होंगे उससे आर्थिक स्थिति तो संभलेगी ही केंद्र सरकार की पूर्वोदय योजना से चहुंमुखी विकास होगा। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्य इस योजना में शामिल हैं। रेल और सड़क मार्ग से पहुंच होने वर मानव संसाधन विकास के साथ नए मौके बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री के गतिशील नेतृत्व में गोड्डा-पीरपैंती नई रेल लाइन की पहल हुई है। इसके बनने से गोड्डा के लोगों को रेल यात्रा के लिए सुगमता होगी और देवघर, दुमका, पीरपैंती समेत झारखंड के कई जिले उत्तर और दक्षिण बिहार से जुड़ जाएंगे और विकास संभव होगा। रेलवे ने संरक्षा के लिए कवच योजना, वंदे भारत, वंदे मेट्रो और अमृत भारत ट्रेन चलाकर सभी वर्ग को बेहतर यात्रा की सुविधा उपलब्ध करा रही है। स्टेशनों का विकास रेलवे के लिए मील का पत्थर साबित होगा। रेलवे नेटवर्क बढ़ने से खुद बखुद उस क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार सृजित होगा।
बिहार में 26,000 करोड़ रुपये की लागत से तीन एक्सप्रेस वे बनाने की योजना बेहतरीन पहल है। विद्युत परियोजनाएं जिसमें पीरपैंती में 2,400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना होने से आसपास के कई क्षेत्रों का विकास होगा। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे बनने से रेलवे को भी फायदा होगा। मालगाड़ियों से ढुलाई संभव होगी। विशाखापत्तनम–चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पर्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बंगलूरू औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में रेलवे और सड़कों की पहुंच बढ़ेगी। पिछड़े इलाकों में आर्थिक विकास संभव होगा।
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