सिवनीःजीवन निर्वाह में सक्षम ना होने के कारण बाघ शावक को भेजा गया वन विहार भोपाल

सिवनी, 24 अगस्त। पेंच टाईगर रिजर्व अंतर्गत विगत 20 अगस्त को टुरिया ग्राम में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था । बाघ शावक के स्वयं के द्वारा जीवन निर्वाह में सक्षम ना होने के कारण उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने के स्थान पर वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया। जिसे 24 अगस्त को उसे वन विहार हेतु रवाना कर दिया गया।
पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी उप संचालक रजनीश कुमार सिंह (भा.व.से.) विगत 20 अगस्त को टुरिया ग्राम में एक रिसॉर्ट से बाघ शावक को रेस्क्यू किया गया था उक्त बाघ शावक की आयु लगभग 16 से 18 माह है। रेस्क्यू के उपरांत उसे खवासा वन्यप्राणी चिकित्सा सुविधा में रखा गया था। रेस्क्यू के दौरान ही उसके रक्त के नमूने भी लिए गए थे तथा नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय जबलपुर से आई रिपोर्ट में उसमें कोई भी बीमारी नहीं पाई गई। चूंकि बाघ शावक को पूर्व में भी उसकी मां के द्वारा दो से तीन अवसरों पर अपने से अलग कर दिया गया था तथा 20 अगस्त को रेस्क्यू के उपरांत बाघ की हालत देखकर वन्यप्राणी चिकित्सक का मानना था कि विगत कुछ दिवसों से उसकी मां ने उसे अपने से अलग कर दिया था इसी वजह से वह कमजोर था और भोजन की तलाश में ग्रामीण क्षेत्र में आ गया था। बाघ शावक के स्वयं के द्वारा जीवन निर्वाह में सक्षम ना होने के कारण उसे मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक ने जंगल में छोड़ने के स्थान पर वन विहार भेजे जाने का निर्णय लिया। जिसे 24 अगस्त को उसे वन विहार हेतु रवाना कर दिया गया है।

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