राष्ट्रीय वन शहीद दिवस: वनकर्मियों के बलिदान का सम्मान
जाँबाज 4 वन शहीद कर्मियों के आश्रित सदस्यों को एक-एक लाख रूपए की सहायता
भोपाल, सिवनी, 11 सितम्बर। वन और वन्य जीवों के संरक्षण में बलिदान देने वाले वनकर्मियों की याद को चिरस्थायी बनाने के लिए विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी 11 सितम्बर 22 (रविवार) को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस वन विश्राम गृह, चार इमली में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य वन विकास निगम मर्यादित ए.के. पाटिल के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया।
पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश सिंह ने रविवार की रात्रि जानकारी दी कि कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन कर दिवंगत शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 2 मिनिट का मौन रखा गया। इस वर्ष 1 सितम्बर 21 से 31 अगस्त 22 तक कुल चार वनकर्मी कम्रशः स्व. समरत सिंह मरावी, दैनिक वेतन भोगी श्रमिक/स्थायीकर्मी के रूप में कान्हा टाइगर रिज़र्व में पदस्थ थे। अपने कार्य के दौरान हाथी द्वारा उन पर आक्रमण किये जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

स्व. सुखदेव सिंह परते आकस्मिक श्रमिक के रूप में कान्हा टाइगर रिज़र्व में दिनांक 01 जून 2019 से कार्यरत थे। दिनांक 23 मार्च.22 को मुक्की परिक्षेत्र अंतर्गत परसाटोला समनापुर वनमार्ग पर ड्यूटी के दौरान वामपंथी चरमपंथियों द्वारा उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।










स्व. गणेश प्रसाद सनोडिया वनरक्षक के रूप में दक्षिण सिवनी वनमंडल में पदस्थ थे। रात्रिकालीन गश्ती के दौरान आमागढ़ चंदनगोदाम के समीप रेत के डम्फर के चालक द्वारा लापरवाहीपूर्वक तेज गति से वाहन चलाकर शासकीय वाहन को टक्कर मारने के कारण श्री गणेशप्रसाद सनोडिया की मृत्यु हो गई।
स्व. बुधराम रौतिया, स्थाईकर्मी (महावत) के रूप में पन्ना टाइगर रिज़र्व में कार्यरत थे। हाथी की सवारी करने वाले इस महावत ने 50 से अधिक बाघ ट्रन्कुलाइजेशन प्रक्रियाओं का संचालन करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। ड्यूटी के दौरान हाथी रामबहादुर से दुर्घटनापूर्वक लगी चोटों से उनकी मृत्यु हो गई। जो शासकीय कार्य सम्पादित करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनके प्रथम आश्रित को अनुदान राशि 1.00 लाख रूपये एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ए.के. पाटिल द्वारा दिवंगत वन शहीदों को याद करते हुए उनके प्रतिकूल परिस्थितियों पर कार्य करने की लगन एवं कर्तव्यपरायणता को याद करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
आगे बताया गया कि मध्यप्रदेश में हो रहे फ्रंटलाइन स्टाफ को और अधिक सशक्त एवं सुदृढ़ बनाने हेतु नवाचार एवं प्रशिक्षण की नई तकनीकों को लागू करने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिये। साथ ही क्लोज़ टू माय हार्ट अभियान अंतर्गत प्राप्त दान राशि जो वन शहीदों के प्रथम आश्रितों को प्रदाय की जाती है, के बारे में विस्तृत रुप से बताया गया है और लोगो से अधिक से अधिक दान करने की अपील की है।

ए.के. पाटिल के अतिरिक्त आयोजन में वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिनमें मुख्यतः प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) सी.के. पाटील, प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य लघु वनोपज सह. संघ मर्या. पुष्कर सिंह, सहित विभाग के अन्य गणमान्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
शहीदों के आश्रितों को प्रशस्ति पत्र के साथ आर्थिक सहयोग राशि मध्यप्रदेश टाइगर फाउन्डेशन सोसायटी के बहुचर्चित अभियान क्लोज़ टू माय हार्ट से प्रदाय की जा रही है। उक्त अभियान अंतर्गत राशि इच्छुक दानदाताओं से एकत्रित की जाती है तथा इसका उपयोग वन एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण कार्यों व वनकर्मियों के हित में किया जा रहा है। शहीद हुये चारों वनकर्मियों कम्रशः स्व. समरत सिंह मरावी, स्व. सुखदेव सिंह परते ,स्व. गणेश प्रसाद सनोडिया एवं स्व. बुधराम रौतिया के परिवारों को एक-एक लाख रूपये की अनुदान राशि तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
शहीद हुए वनकर्मियों का साहस एवं कर्तव्यपरायणता समस्त वनकर्मियों को कर्तव्यनिष्ठा के सर्वाेच्च प्रतिमान स्थापित करने हेतु प्रेरित करेगी। साथ ही वन विभाग कामना करता है कि भविष्य में वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण कार्य के दौरान किसी भी वनकर्मी की क्षति न हो।
हिन्दुस्थान संवाद
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