M.P. breaking news: पेंच पार्क की कालर वाली बाघिन ने सुंदर धारा के करीब सूर्यास्त में ली अंतिम सांस, शोक का माहौल
सिवनी, 15 जनवरी। विश्वविख्यात पेंच नेशनल पार्क की टी-15 कालिर वाली बाघिन ने शनिवार को पेंच नेशनल पार्क के एक सुंदर धारा के करीब (भूरादत्त नाला के पास सीताघाट में) जहां एक धुंधली सर्दियों में सूर्यास्त के समय अंतिम सांस ली है। यह जानकारी लगते ही पेंच प्रंबधन में शोक का माहौल है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शनिवार की देर शाम को पेंच नेशनल पार्क के भूरादत्त नाला के पास सीताघाट के समीप टी-15 कालरवाली बाघिन ने अंतिम सांस ली है। जिससे पेंच पार्क में शोक का माहौल है।
मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा दिलाने में अहम योगदान देने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन कालरवाली के नाम विश्व में सर्वाधिक संख्या में प्रसव और शावकों के जन्म का कीर्तिमान है. सितम्बर 2005 में जन्मी कालरवाली अब तक 8 बार में 29 शावकों को जन्म दे चुकी है, जो एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड है. यह एक साथ 5 शावकों को भी जन्म दे चुकी है. बता दें कि कालरवाली बाघिन की अपनी मां और भाई-बहनों के साथ बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म टाइगर स्पाय इन दा जंगल भी काफी लोकप्रिय है।
ज्ञात हो कि विश्वविख्यात 16 वर्षीय व 29 शावकों की मॉं और कालर वाली बाघिन पिछले कुछ हफ्तों से वह बुढ़ापे से कमजोर हो गई थी। उसकी अच्छी तरह से पेंच प्रबंधन द्वारा देखभाल की गई और उसका असाधारण जीवन कड़ी मेहनत करने वाले व्यक्तियों से उसकी सुरक्षा का प्रमाण है। उसे कोई चोट या बीमारी नहीं थी; केवल बुढ़ापे के आगे वह झुक गई। वह एक रानी की तरह रहती थी और रानी की तरह ही उसने अंतिम सांस ली। अपने अंतिम क्षणों में भी, वह राजसी, आत्मविश्वासी और अपने आचरण को बनाए रखने वाली थी। शनिवार को उसने शरीर को छोड़ने से पहले,एक सुंदर धारा के करीब एक स्थान चुना (भूरादत्त नाला के पास सीताघाट में) जहां एक धुंधली सर्दियों में सूर्यास्त के उसने अंतिम सांस ली। इस दौरान चीतलों का एक झुंड आकर कालर वाली बाघिन को अंतिम समय में सम्मान दिया।
विभागीय सूत्रों के अनुसार पेेंच टाइगर रिजर्व में टी-15 (कॉलरवाली बाघिन) ने अक्टूबर 2010 में तीसरे लिटर में पांच शावकों को जन्म दिया है। उन्हीं शावकों में से एक मादा शावक ने, जो अब टी-4 (पाटदेव) बाघिन के नाम से जानी जाती है, ने अपने चौथे लिटर में 10 वर्षों के पश्चात् 30 नवम्बर 20 को 5 शावकों को जन्म दिया है। टी-4 बाघिन ने पहले लिटर में वर्ष 2014 में 4 शावक, दूसरे लिटर में वर्ष 2017 में पुनः 4 शावक एवं तीसरे लिटर में वर्ष 2019 में 3 शावक को जन्म दिया है। अब तक टी-4 बाघिन कुल 16 शावकों को जन्म दे चुकी हैं। टी-4 बाघिन के चौथे लिटर के 5 शावक को जन्म दिया था।
विभागीय सूत्रों के अनुसार रविवार की सुबह कालर वाली बाघिन का अंतिम संस्कार वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया जायेगा।
हिन्दुस्थान संवाद
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