संत महात्माओं के पीछे-पीछे चलना चाहिये क्योंकि उनके पैरों से जो रज उड़कर मस्तक में पड़ जाती है उससे पुण्यों का उदय हो जाता है-शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
सिवनी, 24 फरवरी। गुरू रत्नेश्वर धाम दिघोरी में चल रही मोक्षदायिनी श्रीमद् भागवत कथा के छटवे दिन दो पीठ के...
