सभी धर्माे के मार्ग अलग-अलग हों लेकिन लक्ष्य सभी का एक हैः महादेव नागोतिया

विश्व शांति को लेकर पंजाबी गुरूद्वारे में हुआ अनुष्ठान लंगर में शामिल हुये अनेक स्वजातीय बंधु
सिवनी, 11 जुलाई। जिले में विश्व शांति को लेकर जिस तरह से गुरूद्वारे में अनुष्ठान आयोजित किया गया,निश्चित ही इस आयोजन से लोगों के जीवन में सुख समृद्धि अवश्य आयेगी। सुख समृद्धि के लिये हमें बुजुर्गाे का सम्मान एवं नशा से लोगों को मुक्त करना,महिलाओं का सम्मान करने की प्रवृत्ति जाग्रत करनी पड़ेगी। और यह कार्य नवयुवक एवं पुरूष वर्ग को करना होगा। अनादिकाल से चाहे रामायण की बात करें,महाभारत की बात करें या फिर गुरू ग्रन्थ साहब की अमृतवाणी का अध्ययन करने पर हमें ज्ञात होता है कि भले ही सभी धर्माे के मार्ग अलग-अलग हों लेकिन लक्ष्य सभी का एक है।


उक्त उद्गार रविवार को पंजाबी गुरूद्वारा में आयोजित सुख समृद्धि के लिए कीर्तन समारोह के अवसर पर कोतवाली सिवनी निरीक्षक महादेव नागोतिया ने व्यक्त किये।
महादेव नागोतिया ने कहा कि रामायणकाल में जटायु को हम देखते है, वह नही जानता था कि सीता कौन है,तथा उससे सीता का कोई संबंध नही था। लेकिन महिला होने के नाते उस पक्षी ने रावण से रक्षा की थी। लेकिन वर्तमान में घर-घर में रावण है, ऐसे में महिला शक्ति को बचाने के लिए इतने सारे राम कहां से लायें। यह शोध का विषय है। और यह कार्य मानव शक्ति अच्छे से कर सकती है। इसी तरह एक पत्थरजो सुन नही सकता, बोल नही सकता और उसमें जब मानव भक्ति के माध्यम से उसे मंदिर में विराजमान करता है तो वह मंदिर पूज्यनीय हो जाता है। और एक मानव है जो सब कुछ सुन सकता है,बोल सकता है और इसके बावजूद भी गलती करता है। उसे हम क्या कहें,यह समझ से परे है। निश्चित ही ऐसे आयोजन से देश में व्याप्त महामारी का अंत होगा। और सबके जीवन में समृद्धि आयेगी।
इस अवसर पर रघुवीर वेदी,गुरूनंद सिंह सिद्धू सहित अनेक लोगों ने कहा है कि गुरूग्रन्थ साहब ने हमेशा आपसी भाईचारा एवं मैत्री का संदेश दिया है। लंबे समय से लॉकडाउन के चलते सारे धार्मिक अनुष्ठान नही हो पा रहे थे,यह पहला अवसर है जब लोग इस कीर्तन कार्यक्रम में शामिल हुए है। इससे निश्चित ही लोगों में नई ऊर्जा का संचार होगा। इस अवसर पर आयोजित लंगर कार्यक्रम में महादेव नागोतिया ने हीरानंद छांगवानी एवं राजा भाटिया, इंदर भाटिया सहित अनेक लोगों के साथ शामिल होकर इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
हिन्दुस्थान संवाद

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