जिला न्यायालय सिवनी एवं तहसील न्यायालय लखनादौन में बुधवार से पूर्ण कार्य दिवस अनुसार सुनवाई प्रारंभ

सिवनी, 16 जून। जिला न्यायालय सिवनी एवं तहसील न्यायालय लखनादौन में बुधवार 16 जून से पूर्ण कार्य दिवस अनुसार सुनवाई प्रांरभ हो गई है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिवनी के सचिव ने बुधवार की देर शाम को जानकारी दी कि रजिस्ट्री ज्ञापन क्र.-ए/113 जबलपुर दिनांक 15जनवरी 21 एवं रजिस्ट्री ज्ञापन क्रमांक ए/1149 जबलपुर दिनांक 03 अप्रैल 21 तथा उच्च न्यायालय जबलपुर के अतिरिक्त एसओपी दिनांक 20 अप्रैल 21 में दिये गये निर्देश के पालन में कुटुम्ब न्यायालय के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित लिमिटेड फिजिकल फंक्षनिंग प्रारंभ करने हेतु प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश को परिस्थिति अनुसार निर्देश जारी किये जाने हेतु निर्देषित किया गया है। नियमित फंक्षनिंग के सभी प्रकार के प्रकरणों की कार्यवाही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये प्रारंभ रखे जाने का निर्देश दिया गया है। उच्च न्यायालय ने पूर्व में ज्ञापन क्रमांक ए/3120 जबलपुर दिनांक 11 दिसंबर 20 के माध्यम से नियमित लिमिटेड फिजिकल फंक्षनिंग हेतु रिमाण्ड, जमानत एवं सुपुर्दनामा प्रकरण, अपील, रिवीजन (सिविल एवं आपराधिक दोनों), विचाराधीन बंदियों से संबंधित मामले, 05 वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरण (सिविल एवं आपराधिक दोनों), मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण,मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण के संबंध में जमा राशि के भुगतान संबंधी मामले, दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 से 128 के अंतर्गत मामले,किशोर न्याय बोर्ड,, दत्तक ग्रहण प्रकरण, ऐसे मामले जिनमें याचिका दायर की गई हो, ऐसे प्रकरण जिनमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं मान0 उच्च न्यायालय के द्वारा समय सीमा में निराकरण हेतु निर्देष दिये गये हो। (सिविल एवं आपराधिक दोनों), अन्य अतिआवश्यक प्रकृति के सिविल एवं आपराधिक प्रकरण जो न्यायालय द्वारा अतिआवश्यक सुनवाई योग्य हो, प्रकरणों की सुनवाई का आदेश दिया गया था जिसमें सुनवाई उसी प्रकार बुधवार 16 जून से पूर्ण कार्यदिवस अनुसार प्रारंभ हो चुकी है।
आगे बताया कि अब न्यायालयों में नियमित सुनवाई होनी है। इसीलिये सिवनी जिला अंतर्गत समस्त न्यायालयोें में कोविड-19 के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुये एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुये उक्त दिशाओं के साथ-साथ प्रत्येक न्यायालय में अधिकतम 10 प्रकरण (सिविल एवं आपराधिक दोनों मिलाकर) सुनवाई में रखे जायें एवं वीडियो काॅफ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई करने पर प्रकरणों की संख्या अधिक हो सकती है।
हिन्दुस्थान संवाद