सिवनीः अटल जी को शब्दों की श्रद्धांजलि

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सिवनी भाजपा कार्यालय में कविताओं के स्वर में गूंजा राष्ट्रप्रेम, भावविभोर हुआ जनसमूह

सिवनी, 25 दिसंबर। मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर गुरुवार 25 दिसंबर 2025 को भाजपा जिला कार्यालय में एक भव्य, गरिमामय एवं भावपूर्ण कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पण के साथ किया गया। इसके पश्चात कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ, जिसमें ओज, राष्ट्रभक्ति, संस्कृति और रामभक्ति से ओत-प्रोत काव्य प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

सरस्वती वंदना से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत अंबिका शर्मा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। इसके पश्चात जबलपुर से पधारे कवि विनोद नयन (इंजी.) ने रामभक्ति से ओत-प्रोत पंक्तियाँ प्रस्तुत कीं—
जितने बचे थे बाकी, सारे काम हो गए,
श्रीराम अयोध्या में विराजमान हो गए।
इन पंक्तियों पर सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

सशक्त शब्दों में गूंजा वैराग्य और विवेक

सतना से पधारे कवि आज़ाद वर्मा ने गहन भावार्थ से युक्त पंक्तियाँ प्रस्तुत करते हुए कहा—
पंखहीन चिड़िया को आकाश से क्या वास्ता,
नैनहीन मानव को प्रकाश से क्या वास्ता।
हिल जाए कैलास जैसे संतों के चरणों में,
तब देखो काशी, बद्री और कैलास से क्या वास्ता।

देशभक्ति और व्यंग्य का सशक्त संगम

अंबिका शर्मा ने देशभक्ति से ओत-प्रोत रचना प्रस्तुत करते हुए कहा—
देश पर न्योछावर तन-मन उन दीवानों को नमन,
देश ही जिनकी धड़कन, उन दीवानों को नमन।
कवि रामकुमार चतुर्वेदी ने अपनी हास्य-व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से व्यवस्थाओं और वर्तमान पीढ़ी की दिशाहीनता पर सटीक प्रहार किया।

ओजस्वी रचनाओं से भरा राष्ट्रप्रेम

वरिष्ठ कवि रमेश श्रीवास्तव ‘चाणक्य’ की ओजस्वी रचना ने सभा में राष्ट्रप्रेम का संचार कर दिया—

भारत की इस पुण्य धरा पर इक दिन ऐसा आएगा,
बच्चा-बच्चा गली-गली में वंदे मातरम् गाएगा।
देशप्रेम की बलिवेदी पर बलि होंगे नौजवान जहाँ,
नील गगन में प्यारा तिरंगा सदियों तक लहराएगा।

रामकुमार चतुर्वेदी, विनोद चयन (इंजी., जबलपुर), आज़ाद वतन शर्मा (सतना), श्रीमती अविका शर्मा, संजय जैन (संजू) सहित अन्य कवियों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक चेतना से सराबोर कर दिया।

अटल जी—राजनीति में कविता की आत्मा

कवि सम्मेलन के पश्चात पूर्व विधायक नरेश दिवाकर ने अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अटल जी केवल राजनेता नहीं थे, वे कविता, संवेदना और राष्ट्रनीति को एक सूत्र में पिरोने वाले युगपुरुष थे।

चार वर्षीय बालक बना आकर्षण का केंद्र

कार्यक्रम का सबसे भावुक क्षण तब आया जब मात्र चार वर्षीय बालक मालविक पाल ने अटल जी एवं सुशासन दिवस पर प्रभावशाली भाषण दिया। उसकी आत्मविश्वासपूर्ण प्रस्तुति ने पूरे सभागार को तालियों से गूंजने पर विवश कर दिया।

भाजपा जिला कार्यालय स्थित पंडित अटल बिहारी वाजपेयी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता, जिला एवं मंडल स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे। समारोह का समापन वंदे मातरम् एवं भारत माता की जय के जयघोष के साथ हुआ।