अद्भुत! मप्र के बाघों की राज्य यात्रा- अब राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में गूंजेगी दहाड़

अद्भुत! मप्र के बाघों की “राज्य यात्रा- अब राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में गूंजेगी दहाड़
सिवनी, भोपाल, 18 अक्टूबर। मध्यप्रदेश अब सच में टाइगर स्टेट कहलाने लायक बन गया है, क्योंकि यहाँ के बाघ अब सीमाएँ पार कर दूसरे राज्यों के जंगलों में नई जान फूंकने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत अपने 10 बाघों (9 मादा और 1 नर)’’ को तीन राज्यों राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भेजने का निर्णय लिया है।
इन बहादुर बाघों की यह राज्य यात्रा शीतकाल (विंटर सीज़न) में शुरू होगी। फिलहाल बरसात के कारण ट्रांसलोकेशन टाल दिया गया है, लेकिन वन विभाग के अनुसार अब यह प्रक्रिया एक महीने बाद, नवंबर-दिसंबर में शुरू की जाएगी।
’किन-किन रिज़र्व में जाएंगे बाघ
’राजस्थान- मुकुंदरा हिल्स और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व
ओडिशा- देबरीगढ़ वाइल्डलाइफ़ सेंचुरी
छत्तीसगढ़- अचानकमार टाइगर रिज़र्व
इन बाघों का चयन कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से किया गया है। उनके लिए जंगलों में सॉफ्ट रिलीज़ एरिया, रेडियो कॉलर और ट्रैकिंग सिस्टम की तैयारियाँ जोरों पर हैं।
’मप्र के पीसीसीएफ का निर्देश
मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक शुभरंजन सेन ने तीनों राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ’नवंबर तक सभी तैयारियाँ पूरी कर ली जाएं। मप्र की टीम निरीक्षण करेगी और दिसंबर में बाघ अपनी नई दुनिया में दहाड़ेंगे।
ढाई साल से लंबित मांग अब पूरी
राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ पिछले ढाई साल से मध्यप्रदेश से बाघों की मांग कर रहे थे। अब यह इंतज़ार खत्म होने जा रहा है। यह पहल न केवल इन राज्यों के वीरान जंगलों में फिर से जीवन का संचार करेगी, बल्कि देश के बाघ संरक्षण के इतिहास में नया अध्याय’’ भी लिखेगी।
देश में पहली बार एक साथ तीन राज्यों को बाघ
यह पहली बार होगा जब किसी एक राज्य से एक साथ तीन अलग-अलग राज्यों को बाघ भेजे जाएंगे। मध्यप्रदेश ने एक बार फिर साबित किया है कि वह न केवल टाइगर स्टेट है, बल्कि अब टाइगर डोनर स्टेट भी बन गया है।