सिवनीः हौसले की सुई से बुनी सफलता की कहानी

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श्रीमती मोनिका यादव बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

सिवनी, 17 अक्टूबर । सिवनी जिले के घंसौर जनपद के छोटे से गाँव केदारपुर की रहने वाली श्रीमती मोनिका यादव आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं। कभी दूसरों की सिलाई मशीन मांगकर कपड़े सिलने वाली मोनिका अब अपनी खुद की दुकान और सिलाई व्यवसाय चला रही हैं।

मोनिका को सिलाई का हुनर पहले से था, लेकिन साधन सीमित थे। अपनी सिलाई मशीन न होने के कारण उन्हें हमेशा दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। बावजूद इसके, वे मोहल्ले की महिलाओं के कपड़े सिलाई का छोटा-मोटा काम करती थीं। उनके मन में हमेशा एक ही सपना था—अपना खुद का काम हो, अपनी मशीन हो, और अपनी पहचान बने।

इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि आजीविका मिशन घंसौर के तहत महिलाओं के लिए स्व-सहायता समूह बनाए जा रहे हैं। उन्होंने राधा रानी आजीविका स्व-सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का मार्ग मिला।

समूह की बैठकों में जब उन्हें कैश क्रेडिट लिमिट (CCL) योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत आवेदन किया। योजना के तहत 90,000 रुपये का ऋण प्राप्त कर उन्होंने अपनी पहली सिलाई मशीन खरीदी। यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

इसके बाद मोनिका ने सिलाई का कार्य बड़े स्तर पर शुरू किया। गाँव की महिलाएँ और आसपास के लोग उनके पास कपड़े सिलवाने आने लगे। काम बढ़ने के साथ उनकी आय में भी वृद्धि हुई। आत्मविश्वास से भरकर मोनिका ने परिवार से परामर्श लिया और कपड़ों की दुकान भी शुरू की।

आज श्रीमती मोनिका यादव अपने सिलाई कार्य और दुकान से प्रतिमाह 12 से 14 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं। पहले जहाँ उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, अब वे स्वयं रोजगार का माध्यम बन चुकी हैं।

उनकी मेहनत और लगन ने न केवल उनके जीवन को बदला, बल्कि गाँव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।