धार्मिक बयानबाजी और सनातन विरोध से बिखरी कांग्रेस, गौरव वल्लभ से पहले ये भी छिटके
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress)के जाने माने प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gaurav Vallabh)ने गुरुवार को कांग्रेस से इस्तीफा (resignation from congress)दे दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (National President Mallikarjun Kharge)के नाम लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी को ‘दिशाहीन’ बताया है। साथ ही साफ कर दिया है कि वह सनातन धर्म का विरोध नहीं कर सकते। हालांकि, वल्लभ पहले नेता नहीं है, जो सनातन के मुद्दे पर कांग्रेस पर सवाल उठा चुके हैं। कुछ समय पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी इस मुद्दे पर पार्टी को घेरा था।
कांग्रेस दिग्गज दे रहे थे सतर्क रहने की सलाह
विपक्षी गठबंधन INDIA के साथी और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद सियासी पारा बढ़ गया था। उन्होंने बीते साल सितंबर में सनातन धर्म को उखाड़ फेंकने की बात कही थी और सनातन की तुलना कोरोनावायरस से कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर में ही कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी को इस मुद्दे पर सतर्क रहने की सलाह दी थी।
पार्टी को इन मुद्दों से दूर रहना चाहिए
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने तब हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कहा था कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं पड़ना चाहिए।
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