पाकिस्तान में जजों को खतरा, 8 को मिले धमकी भरे पत्र; चीफ जस्टिस ने लगाए थे ISI पर आरोप

Even judges are not safe in Pakistan 8 received threatening letters; Chief  Justice had accused ISI|पाकिस्तान में जज भी सुरक्षित नहीं, 8 को मिले धमकी  भरे पत्र; चीफ जस्टिस ने लगाए थे

इस्‍लामाबाद । आतंकवाद (terrorism)का पर्याय बन चुके पाकिस्तान (Pakistan)में जनता तो अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती ही है, अब वहां के जजों (judges)की भी जान खतरे(life in danger) में आ चुकी है। मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक सहित इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आठ जजों को धमकी भरे पत्र मिले हैं। इनस पत्र में कुछ संदेहास्पद पदार्थ भी थे। आपको यह भी बता दें कि इससे पहले न्यायिक मामलों में पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप के भी आरोप लगे हैं।

न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप की शिकायत

इस घटनाक्रम के बाद जजों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट के छह जजों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश काजी फैस ईसा को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने देश की खुफिया एजेंसियों द्वारा न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप की शिकायत की थी।

घटना के कारण दिन की सुनवाई में देरी हुई

पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए फारूक ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस घटना के कारण दिन की सुनवाई में देरी हुई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने न्यायिक सूत्रों के हवाले से बताया कि जब दो जजों के कर्मचारियों ने पत्र खोले तो उन्हें अंदर पाउडर मिला और बाद में उन्हें आंखों में जलन का अनुभव हुआ। एहतियात के तौर पर सैनिटाइजर का उपयोग कर और हाथ धोकर राहत मिली।

जांच के लिए आतंकवाद निरोधक विभाग को सौंपा पत्र

इस्लामाबाद पुलिस के विशेषज्ञों की एक टीम संदिग्ध पाउडर की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये पत्र कथित तौर पर एक महिला द्वारा लिखे गए थे। अदालत के अधिकारियों ने मामले को तत्काल सुलझाने के लिए पुलिस को बुलाया। साथ ही पत्रों को आगे की जांच के लिए आतंकवाद निरोधक विभाग को सौंप दिया गया है।

आपको बता दें कि यह घटना मुख्य न्यायाधीश ईसा द्वारा खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप के बारे में आईएचसी न्यायाधीशों के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुई है।

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