M.P.: तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बच्चों का सँवारा जा रहा भविष्य

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भोपाल, 19 मार्च। प्रदेश में तेन्दूपत्ता संग्रहण में 33 लाख संग्राहक जुड़े हैं। इनमें 44 फीसदी महिलाएँ हैं। अधिकत्तर संग्राहक अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग के हैं। इन्हें लगभग एक माह का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। इन संग्राहकों को आर्थिक संबल देने के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक तथा प्रोत्साहन पारिश्रमिक बोनस के रूप में दिया जाता है। पिछले वर्ष 15 लाख 88 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहीत कर संग्राहकों को 397 करोड़ रूपये का पारिश्रकि दिया गया। वर्ष 2018 में संग्रहीत और तेन्दूपत्ते के व्यापार से हुए शुद्ध लाभ में से 183 करोड़ 31 लाख की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में दी गई । मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक सहायता योजना में इस वित्त वर्ष में अब तक 2 करोड़ 26 लाख 20 हजार रूपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है।

बच्चों का सँवारा जा रहा भविष्य

इस वित्त वर्ष में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए अब तक करीब एक हजार छात्र-छात्राओं को 9 करोड़ 88 लाख से ज्यादा की सहायता दी गई।

लघु वनोपज संघ द्वारा ‘एकलव्य शिक्षा विकास योजना’ के जरिए तेन्दूपत्ता संग्राहकों, फड़-मुंशी और प्रबंधकों के बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों में सहायता प्रदान कर उनका भविष्य सँवारा जा रहा है।

हिन्दुस्थान संवाद